फॉड लोन का शिकार अब ग्रामीण लोग भी होने लगे है, ऐसे भी कई फॉड कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए बिना कुछ लिए ही लोन देने लगी है, ऐसे ही एक मामला सामने आया है जहां पर ग्रामीण लोगों को खेती किसानी से जुड़ी स्कीम, लोन वगैरह के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा रहा है,बताया जा रहा है कि गांव में लोगों को नाबार्ड के नाम से लोन देने की स्कीम के बहाने बरगलाया जा रहा है, इस पर अब नाबार्ड ने बयान जारी कर लोगों को चेतावनी दी है, कि वो किसी को इस प्रकार से लोन नहीं देता है ।
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मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ‘’नाबार्ड’’ ने मंगलवार को साफ किया कि वह आम किसानों को डायरेक्ट कोई लोन नहीं देता है, बल्कि गांवों में काम करने वाले ग्रामीण विकास बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान और सहकारी समितियों को पैसा उपलब्ध कराता है और उसके बाद ये संस्थान गांव के लोगों के बीच लोन देते हैं, नाबार्ड ने यह स्पष्टीकरण किसानों के बीच डेयरी खोलने के लिए उसकी ओर से दिए जा रहे ऋण की गलत और भ्रामक सूचना फैलने के बाद बयान दिया है,
आपको बता दें कि किसानों के बीच ये बात फैलाई जा रही थी कि नाबार्ड डेयरी विकास के लिए सीधे किसानों को लोन बाट रहा है, जब किसानों ने इस बारे में नाबार्ड से संपर्क किया, तब उसे पता चला कि इस तरह की भ्रामक सूचना देश के कई इलाकों में फैल रही है, जो सरासर गलत और भ्रामक है, इससे सभी ग्रामीणों को बचना चाहिए ।
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नाबार्ड के बयान में कहा गया है कि सभी किसानों, ग्रामीण उद्यमियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए, उन्हें सलाह दी जाती है कि किसी भी तरह की गलत सूचनाओं पर भरोसा करने या उनका आपस में प्रचार करने से परहेज करें, इन गलत जानकारी पर भरोसा करने से आपको वित्तीय जोखिम उठाना पड़ सकता है और लोगों के बीच गलतफहमी पैदा हो सकती है, सही जानकारी नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट से जुटाई जा सकती है,
वही नाबार्ड देश का एक डेवलपमेंटल बैंक है, वह देश में ग्रामीण विकास में शामिल विभिन्न वित्तीय संस्थानों और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता देता है, आम किसानों को सीधे ऋण देने से उसका कोई लेना-देना नहीं है।