महिलाओं को प्रेग्नेंसी प्लान करने के बाद हर तरह से अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी होता है, सबसे जरूरी चीज है कि प्रेग्नेंसी के पूरे नौ महीने तक खान-पान और लाइफस्टाइल पर खास ध्यान देना चाहिए,किसी प्रकार की भी लापरवाही नही करनी चाहिए, प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानी ज्यादा रहती है, इस दौरान महिलाएं ज्यादा तनाव में रहती है, कई तरह का डर उन्हें सताता रहता है जिसका असर उनके बीपी के स्तर पर पड़ता है, प्री-एक्लेमप्सिया ब्लड प्रेशर से जुड़ी एक ऐसी परेशानी है जो प्रेग्नेंसी के आखिरी महीना या फिर डिलीवरी के बाद होती है, ये बीमारी उन महिलाओं को होती है जिनका वजन ज्यादा होता है, इस बीमारी के लिए सेहत से जुड़े और भी कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे डायबिटीज,हाई ब्लड प्रेशर की वजह से प्रेग्नेंट महिला को प्री-एक्लेमप्सिया का खतरा अधिक रहता है।
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वही शरीर में जब कैल्शियम की कमी होती है तो कुख खास तरह के हार्मोन्स रिलीज होते हैं, ये हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकते हैं, इसकी वजह से ब्लड वेसेल्स में कॉन्ट्रेक्शन होता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर को चेक करते रहें, कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिएपनीर, दूध या दही को डाइट में शामिल करें, क्या आप जानते हैं कि शरीर में विटामिन डी की कमी से भी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंट महिलाओं को रोजाना 10 से 25 माइक्रोग्राम विटामिन डी लेना चाहिए, इसके डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी वाले फूड्स खाने चाहिए।
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वही इसको लेकर तो कई सारी रिसर्च भी आ चुकी हैं कि ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की कमी से भी हाइपरटेंशन का रिस्क बढ़ता है, ये न सिर्फ हाइपरटेंशन बल्कि दिमाग के विकास के लिए भी जरूरी है, इसकी कमी को पूरी करने के लिए अलसी की बीज, अखरोट, सोयाबीन औ पालक को खाएं, आपको बता दें कि बॉडी में पोटैशियम की कम मात्रा और सोडियम की ज्यादा मात्रा भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है, ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान नमक का इस्तेमाल कम ही करें, अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें ।