विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है। संगठन का कहना है कि संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के पीछे कुछ नए वेरिएंट्स जैसे कि NB.1.8.1 और JN.1 जिम्मेदार हैं। WHO ने देशों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने की सलाह दी है।
कोरोना NB.1.8.1 वेरिएंट का वैश्विक प्रसार
NB.1.8.1 वेरिएंट को पूर्वी भूमध्यसागर, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में पाया गया है। अमेरिका में एयरपोर्ट स्क्रीनिंग के दौरान यह वेरिएंट कैलिफोर्निया, वर्जीनिया, वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क जैसे राज्यों में यात्रियों में पाया गया है। मई के मध्य तक, यह वेरिएंट वैश्विक स्तर पर करीब 11% मामलों में देखा गया।
हालांकि WHO ने इसे केवल “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” (निगरानी में रखा गया वेरिएंट) घोषित किया है और फिलहाल इसे गंभीर खतरा नहीं माना जा रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैक्सीन इस वेरिएंट पर भी प्रभावी रहेंगी।
भारत में JN.1 वेरिएंट से मामलों में तेजी
भारत में JN.1 वेरिएंट, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 उपवेरिएंट से जुड़ा है, के चलते कोरोना मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। सबसे पहले यह वेरिएंट केरल में सामने आया था और अब देश के कई हिस्सों में इसके कारण सक्रिय मामलों की संख्या नौ दिनों में दोगुनी हो गई है।
यह वेरिएंट अमेरिका, मलेशिया और सिंगापुर जैसे कई देशों में भी फैल चुका है। WHO ने इसे “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” (दिलचस्पी वाला वेरिएंट) घोषित किया है, जिसका मतलब है कि इसके फैलने की क्षमता अधिक है और इसे नज़र में रखा जाना ज़रूरी है।
लक्षण और प्रभाव
JN.1 वेरिएंट के लक्षण लगभग पुराने वेरिएंट्स जैसे ही हैं:
- बुखार
- गले में खराश
- नाक बहना
- सिरदर्द
- पेट दर्द
- कुछ मामलों में उल्टी या दस्त
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट अब तक गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती के मामलों से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है। CDC के अनुसार, यह वेरिएंट अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं है।
WHO की सिफारिशें
WHO ने विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से अपील की है कि वे रिस्पिरेटरी बीमारियों की निगरानी, विशेष रूप से कोरोना और उसके नए वेरिएंट्स को लेकर, और भी अधिक सख्त करें। साथ ही, WHO ने निम्नलिखित सावधानियों की सिफारिश की है:
- वैक्सीनेशन: सभी पात्र लोगों को कोविड वैक्सीन और बूस्टर डोज़ अवश्य लेनी चाहिए।
- मास्क पहनना: भीड़भाड़ वाले और बंद स्थानों में मास्क जरूर पहनें।
- स्वच्छता: हाथ धोना और सैनिटाइज़र का नियमित उपयोग करें।
- जांच करवाना: लक्षण दिखने पर तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं।
- आइसोलेशन: लक्षण होने पर घर में ही रहें और दूसरों से दूरी बनाए रखें।
सामुदायिक सहयोग और जागरूकता है सबसे बड़ा हथियार कोविड-19 के नए वेरिएंट्स से मुकाबले के लिए केवल सरकारों और स्वास्थ्य एजेंसियों की जिम्मेदारी पर्याप्त नहीं है। सामुदायिक सहयोग, जन-जागरूकता और व्यक्तिगत सतर्कता भी बेहद ज़रूरी हैं। हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, बुजुर्गों और कमजोर लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए, और अफवाहों से बचते हुए केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। स्कूल, दफ्तर, बाजार और परिवहन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मिलकर सहयोग करना ही संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है।
निष्कर्ष
NB.1.8.1 और JN.1 जैसे नए कोविड वेरिएंट्स का उभरना यह दर्शाता है कि वायरस अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। भले ही ये वेरिएंट्स अभी गंभीर खतरा न हों, लेकिन इनके तेजी से फैलने की क्षमता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों को सतर्क रहना ज़रूरी है। ऐसे में हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम सतर्क रहें, गाइडलाइंस का पालन करें और अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
स्वस्थ रहें, सतर्क रहें और सही जानकारी के साथ दूसरों को भी जागरूक करें।