लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस्तीफा सौंपा, जिसमें अपनी नाराजगी दर्ज की, दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है, लवली के अनुसार, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है, इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं
ये भी पढ़ें-बिजली विभाग ने दिया झटका, चुनाव खत्म होते ही बिजली के दाम में 7 फीसदी की बढ़ोतरी
लवली ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी, इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया,
लवली ने अपने लेटर में लिखा,’यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं, मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं, इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता, दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी (दीपक बाबरिया) रोक लगा देते हैं, जब से मुझे दिल्ली का पार्टी चीफ बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है अरविंदर सिंह लवली ने पत्र में लिखा है कि मैंने एक अनुभवी नेता को मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्ति के लिए अनुरोध किया, लेकिन दिल्ली प्रभारी ने इसे खारिज कर दिया, दिल्ली प्रभारी ने अब तक ब्लॉक प्रभारी नियुक्त करने की अनुमति भी नहीं दी है, इसके कारण ही अब तक दिल्ली के 150 ब्लॉक में प्रभारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है
ये भी पढ़ें-जानिए किन राज्यों की सभी सीटों पर हो चुकी मतदान, चुनावी शोर थमा
उन्होंने आगे लिखा,’दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठ बोलकर, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बनी थी, जिस पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री इस समय भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं, इसके बाद भी पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया, हालांकि, हमने पार्टी के अंतिम फैसले का सम्मान किया, मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इस निर्णय का समर्थन किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के मुताबिक ही काम करे।
लवली ने आगे लिखा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस को आम चुनाव में लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें मिलीं, समाचार के जरिए जब मुझे कम सीटें मिलने की बात पता चली तो मैंने पार्टी के हित में यह सुनिश्चित किया कि टिकट दूसरे सीनियर नेताओं को मिल सके, मैंने सार्वजनिक रूप से अपना नाम वापस ले लिया और संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार किए जाने से इनकार कर दिया, इन 3 सीटों में से सभी पर्यवेक्षकों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों को खारिज करते हुए, उत्तर-पश्चिम दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीटें 2 उम्मीदवारों को दे दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों के लिए पूरी तरह से अजनबी थे
चुनाव के बीच कांग्रेस को झटका, AAP के गठबंधन से नाराज अरविंद लवली ने दिया इस्तीफा
Avnish Kumar
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लवली ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस्तीफा सौंपा, जिसमें अपनी नाराजगी दर्ज की, दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब नेताओं ने बाबरिया के तौर-तरीकों पर आपत्ति जताई है, लवली के अनुसार, उन पर बाबरिया के खिलाफ रहने वाले नेताओं को बाहर करने का भारी दबाव है, इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं
ये भी पढ़ें-बिजली विभाग ने दिया झटका, चुनाव खत्म होते ही बिजली के दाम में 7 फीसदी की बढ़ोतरी
लवली ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी, इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया,
लवली ने अपने लेटर में लिखा,’यह पत्र में बहुत भारी दिल से लिख रहा हूं, मैं पार्टी में खुद को एकदम लाचार महसूस करता हूं, इसलिए अब दिल्ली के अध्यक्ष पद पर बना नहीं रह सकता, दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के लिए गए सभी सर्वसम्मत फैसलों पर एकतरफा दिल्ली के प्रभारी (दीपक बाबरिया) रोक लगा देते हैं, जब से मुझे दिल्ली का पार्टी चीफ बनाया गया है, तब से मुझे किसी को भी सीनियर पद पर नियुक्त करने की अनुमति नहीं है अरविंदर सिंह लवली ने पत्र में लिखा है कि मैंने एक अनुभवी नेता को मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्ति के लिए अनुरोध किया, लेकिन दिल्ली प्रभारी ने इसे खारिज कर दिया, दिल्ली प्रभारी ने अब तक ब्लॉक प्रभारी नियुक्त करने की अनुमति भी नहीं दी है, इसके कारण ही अब तक दिल्ली के 150 ब्लॉक में प्रभारियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है
ये भी पढ़ें-जानिए किन राज्यों की सभी सीटों पर हो चुकी मतदान, चुनावी शोर थमा
उन्होंने आगे लिखा,’दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस के खिलाफ झूठ बोलकर, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बनी थी, जिस पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री इस समय भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं, इसके बाद भी पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया, हालांकि, हमने पार्टी के अंतिम फैसले का सम्मान किया, मैंने न केवल सार्वजनिक रूप से इस निर्णय का समर्थन किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि राज्य इकाई हाईकमान के अंतिम आदेश के मुताबिक ही काम करे।
लवली ने आगे लिखा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस को आम चुनाव में लड़ने के लिए 3 संसदीय सीटें मिलीं, समाचार के जरिए जब मुझे कम सीटें मिलने की बात पता चली तो मैंने पार्टी के हित में यह सुनिश्चित किया कि टिकट दूसरे सीनियर नेताओं को मिल सके, मैंने सार्वजनिक रूप से अपना नाम वापस ले लिया और संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार किए जाने से इनकार कर दिया, इन 3 सीटों में से सभी पर्यवेक्षकों और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों को खारिज करते हुए, उत्तर-पश्चिम दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीटें 2 उम्मीदवारों को दे दी गईं, जो दिल्ली कांग्रेस और पार्टी की नीतियों के लिए पूरी तरह से अजनबी थे
Meizu Note 22 Pro: 5G टेक्नोलॉजी और 6200mAh बैटरी के साथ दमदार स्मार्टफोन
RakshaBandhan 2025: किस दिन है रक्षाबंधन, कब है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
ECB की मौद्रिक नीति पर राहत की खबर, लगार्ड ने दिए स्थिर दरों के संकेत
Pradhanmantri Aawas Yojna: ₹2.5 लाख की मदद से अब पक्का घर सिर्फ सपना नहीं!
4 Percent DA Hike: जुलाई 2025 में मिलेगी डियरनेस अलाउंस में बड़ा उछाल, 3 महीने का एरियर्स भी मिलने का अनुमान
Japan Earthquake: टोकारा द्वीपों पर 900 से अधिक झटके, सुरक्षा अपडेट और भविष्य की तैयारी
INDIA गठबंधन पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान: गठबंधन बरकरार रहेगा
शर्मिष्ठा पनोली : ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी से गिरफ्तारी तक, जानिए पूरा मामला
ममता बनर्जी का पीएम मोदी पर पलटवार, “अगर हिम्मत है तो चुनाव में उतरें”