लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होने वाला है, इसे लेकर चुनाव प्रचार रविवार शाम को थम गया, मंगलवार को देश की 93 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी, तीसरे फेज में गुजरात की गांधी नगर, महाराष्ट्र की बारामती सीट, मध्य प्रदेश की राजगढ़ सीट और यूपी की मैनपुरी पर सभी की नजर रहेगी, लेकिन सवाल है कि अगर किसी ने गलती से ईवीएम मशीन को दो बार दबा दिया तो क्या होगा? आईए जानते है,EVM मशीन दो यूनिट से बनी हुई है – कंट्रोल यूनिट और बैलटिंग यूनिट, कंट्रोल यूनिट प्रिसाइडिंग ऑफिसर के पास रहता है और बैलटिंग वो यूनिट होता है जिससे मतदाता वोट करता है, लेकिन आपको पता है कि अगर ईवीएम मशीन दो बार दब जाएं तो क्या होगा ?
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आपको बता दें कि इस यूनिट में प्रत्याशियों के नाम और उन्हें वोट करने का बटन होता है, दोनों मशीन एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई होती है, जैसे ही बैलटिंग यूनिट पर वोटर बटन दबाकर मतदान करता है, उसका वोट रिकॉर्ड हो जाता है और मशीन लॉक हो जाती है, अगर कोई व्यक्ति वोट देने के बाद दोबारा बटन दबाता है, तो उसका अतिरिक्त वोट रिकॉर्ड नहीं होता है, मशीन तब तक लॉक रहती है, जब तक प्रिसाइडिंग ऑफिसर कंट्रोल यूनिट पर ‘बैलेट’ बटन नहीं दबा देता, इस तरह ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का अधिकार सुनिश्चित किया जाता है,
वही ईवीएम मशीन को चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं होती, रिपोर्ट के अनुसार, EVM सामान्य 7.5 वोल्ट अल्कलाइन पावर-पैक पर चलते हैं, इनकी आपूर्ति बैंगलोर की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और हैदराबाद की इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा की जाती है, पावर-पैक में 5 AA आकार के सेल होते हैं जो 1.5 वोल्ट पर चलते हैं, इसलिए, बिना बिजली कनेक्शन के भी EVM का इस्तेमाल किया जा सकता है,
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आपको बता दें कि बैलेटिंग यूनिट में 16 उम्मीदवारों के लिए प्रावधान है, मान लीजिए कि एक निर्वाचन क्षेत्र में, केवल 10 उम्मीदवार हैं, यदि मतदाता 11 से 16 तक कोई भी बटन दबाता है तो क्या इससे वोटों की बर्बादी होगी? चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे मामलों में रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ईवीएम की तैयारी के समय 11 से 16 नंबर को मास्क कर दिया जाता है, इसलिए, किसी भी मतदाता द्वारा 11 से लेकर 16 तक के उम्मीदवारों के लिए कोई भी बटन दबाने का सवाल नहीं उठता,
वैसे EVM के वोट स्टोर करने की कैपेसिटी उसके मॉडल पर निर्भर करती है, पुराने वर्जन के EVM (2000-05 मॉडल) में अधिकतम 3840 वोट डाले जा सकते हैं, वहीं, नए वर्जन वाले ईवीएम (2006 से आगे का मॉडल) में अधिकतम 2000 वोट स्टोर हो सकते हैं, चुनाव आयोग की तरफ से साझा की गई जानकारी के अनुसार, कंट्रोल यूनिट अपनी मेमोरी में 10 साल या उससे भी ज्यादा समय तक रिजल्ट को स्टोर कर सकता है ।