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दिल्ली: सनातन धर्म में सभी त्योहारों में चैत्र नवरात्रि का भी विशेष महत्व है, नवरात्रि के 9 दिनों को बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है, साल भर में कुल 4 नवरात्रि पड़ती है, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, औऱ दूसरी चैत्र नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों तक जगत जननी देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है, कुछ भक्त फलाहार व्रत रखते हैं, तो कई लोग दिन भर उपवास रखने के बाद संध्याकाल में आरती कर सात्विक खाना खाते हैं, हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है, जो नवमी तिथि को समाप्त हो जाती है।

वही इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है, मान्यता है कि इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के दुखों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, इस साल पूरे नौ दिनों के नवरात्रि पड़ रही है, चैत्र नवरात्रि आरंभ होने की सही तिथि, शुभ मुहूर्त,कलश स्थापना समय से लेकर महत्व तक इस प्रकार है ।

चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 8 अप्रैल 2024 को रात 11 बजकर 50 मिनट से शुरू ।

चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि समाप्त- 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट पर

चैत्र नवरात्रि तिथि- 9 अप्रैल २०२४

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी 9 अप्रैल को अमृतसिद्धि के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, दोनों ही शुभ योग 9 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 32 मिनट से 10 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 6 मिनट तक ।

चैत्र नवरात्रि 2024 कैलैंडर

पहला चैत्र नवरात्रि – 09 अप्रैल 2024, मंगलवार- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना ।

दूसरा चैत्र नवरात्रि (10 अप्रैल 2024, बुधवार)- मां ब्रह्मचारिणी पूजा ।

तीसरा चैत्र नवरात्रि (11 अप्रैल 2024, गुरुवार)- मां चंद्रघंटा पूजा ।

चौथा चैत्र नवरात्रि (12 अप्रैल 2024, शुक्रवार)- मां कुष्मांडा पूजा

पांचवां चैत्र नवरात्रि (13 अप्रैल 2024, शनिवार)- मां स्कंदमाता पूजा

छठा चैत्र नवरात्रि (14 अप्रैल 2024, रविवार)- मां कात्यायनी पूजा

सातवां चैत्र नवरात्रि (15 अप्रैल 2024, सोमवार)- मां कालरात्रि पूजा

आठवां चैत्र नवरात्रि (16 अप्रैल 2024, मंगलवार)- मां महागौरी पूजा और दुर्गा महा अष्टमी पूजा

नौवां चैत्र नवरात्रि (17 अप्रैल 2024, बुधवार)- मां सिद्धिदात्री पूजा, महा नवमी और रामनवमी

दसवां दिन नवरात्रि (18 अप्रैल 2024, गुरुवार)- दुर्गा प्रतिमा विसर्जन

अब इस मिट्टी के कलश को पूजा घर या जहां पर माता की चौकी हो,पहले अच्छे से सफाई कर ले फिर  वहां इस कलश स्थापित कर दें,चैत्र नवरात्रि के अवसर पर घर में कलश स्थापना करने के लिए सबसे पहले पूजा घर को अच्छी तरह से साफ कर लें, इसके बाद एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें साफ मिट्टी रखें, अब इसमें कुछ जौ के दाने बो दें और उनपर पानी का छिड़काव करें, कलश में जल, अक्षत और कुछ सिक्के डालें और ढककर रख दें, इस कलश पर स्वास्तिक जरूर बनाएं और फिर कलश को मिट्टी के ढक्कन से ढक दें, इसके बाद दीप-धूप जलाएं और कलश की पूजा करें।

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