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दिल्ली के शराब घोटाले मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है, दरअसल ईडी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले हलफनामा दायर किया है, इस हलफनामे में कहा है कि चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को जमानत नहीं दी जा सकती है, चुनाव प्रचार का अधिकार ना तो संवैधानिक अधिकार है और ना ही कानूनी अधिकार, सुप्रीम कोर्ट में ED की ओर से दाखिल नए हलफनामा में केजरीवाल की अंतरिम जमानत की मांग वाली अर्जी का विरोध किया गया, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि आम चुनाव के मद्देनजर वह केजरीवाल की अंतरिम जमानत अर्जी पर विचार करेंगे, इसके बाद अंतरिम जमानत पर सुनवाई हुई थी, पिछले सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह शुक्रवार को फैसला देंगे

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आपको बता दें कि कल यानी शुक्रवार को फिर से सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल के केस में सुनवई करने वाला है, हलफनामे में आगे कहा गया है कि पिछले 5 साल में देश में कुल 123 चुनाव हुए हैं, अगर चुनाव में प्रचार के आधार पर नेताओं को जमानत दी जाने लगी तो न तो कभी किसी नेता को गिरफ्तार किया जा सकेगा और न ही उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकेगा, क्योकि देश में हमेशा कोई न कोई चुनाव होता रहता, आम चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने में केजरीवाल के पक्ष में विशेष रियायत कानून के राज और समानता के लिए अभिशाप होगी ।

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वही जांच एजेंसी ने यह भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल या कोई अन्य राजनेता सामान्य नागरिक से अधिक विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता, अगर अंतरिम राहत दी जाती है तो यह देश को दो अलग-अलग वर्ग में बांटना होगा, यानी आम लोग जो कानून के शासन के साथ-साथ देश के कानूनों से बंधे हैं और राजनेता जो चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत हासिल करने की उम्मीद के साथ कानूनों से छूट मांग सकते हैं, लेकिन देखने वाली बात ये है कि आखिर कल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाती है?

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