WHO Warning India Cough Syrups: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में निर्मित तीन कफ सिरप को स्वास्थ्य के लिहाज से घातक करार देते हुए एक चेतावनी जारी की है। इन सिरपों — Coldrif, Respifresh TR, और ReLife — में विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं, जिससे विशेष रूप से बच्चों की जान जोखिम में आ गई है।
मध्य प्रदेश (MP) के छिंदवाड़ा जिले में कम-उम्र के बच्चों की मौतें इस घोर समस्या का सबसे दर्दनाक सबूत हैं। आइए विस्तार से जानें — ये किस तरह हुआ, कैसे WHO ने चेतावनी दी, और इस संकट का असर क्या हो सकता है।
वो तीन कफ सिरप कौन से हैं?
WHO ने विशेष रूप से इन तीन कफ सिरपों पर ध्यान केंद्रित किया है:
- Coldrif (Sresan Pharmaceutical)
- Respifresh TR (Rednex Pharmaceuticals)
- ReLife (Shape Pharma)
इन सिरपों में diethylene glycol (DEG) नामक तत्व पाए गए हैं, जो स्वीकृत स्तर से लगभग 500 गुना अधिक है।
DEG बहुत ही जहरीला रसायन है, विशेष रूप से बच्चों के लिए — यह गुर्दे की विफलता और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न कर सकता है।
मध्य प्रदेश में हो रही मौतें — मामूली बीमारी से भारी त्रासदी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कम उम्र के कई बच्चों की मौतें सामने आई हैं। ये शव Coldrif सिरप से जुड़े मामले के हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि मारे गए बच्चों की संख्या 19 से 21 तक पहुंच गई है। छिंदवाड़ा के अतिरिक्त, अन्य जिलों जैसे Betul, Pandhurna में भी मौतें दर्ज की गईं हैं। बच्चों में गुर्दे की समस्याएँ, दस्त, उल्टी जैसे लक्षण सामने आए। राज्य सरकार ने Coldrif को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया है और मृतकों के परिवारों को ₹4 लाख का मुआवज़ा देने का निर्णय लिया है।
WHO की चेतावनी: वैश्विक अलर्ट स्तर
WHO ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने दुनिया भर को चेतावनी दी है कि ये विषाक्त सिरप अनियंत्रित चैनलों से निर्यात हो सकते हैं। भारत की केंद्रीय दवा नियंत्रण संस्था (CDSCO) ने कहा है कि ये सिरप विदेश नहीं भेजे गए हैं। लेकिन WHO ने कहा है कि यह जोखिम पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता। WHO इस बात की पुष्टि चाहती है कि भारत सरकार ने इस संबंध में क्या कदम उठाए हैं।
भारत में परीक्षण और नियामकीय चूक की समीक्षा
भारत सरकार ने स्वीकार किया है कि कुछ दवा कंपनियों ने आवश्यक परीक्षणों और गुणवत्ता नियंत्रण मानदंडों का पालन नहीं किया। वैधानिक रूप से, हर बैच (दल) की कच्ची सामग्री और अंतिम उत्पाद की भी जाँच अनिवार्य है। गुजरात, तेलंगाना सहित कई राज्यों ने तुरंत Respifresh TR और ReLife का उपयोग बंद करने का आदेश दिया है। तलाश और छापेमारी सभी संबंधित दवा फैक्ट्रियों पर की जा रही है, ताकि दोषी तत्वों का पता लगाया जाए।
WHO Warning India Cough Syrups: निर्माता पर कार्रवाई और गिरफ्तारी
स्रेसन फार्मास्यूटिकल्स के मालिक G. Ranganathan को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें MP पुलिस ने तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। उन पर culpable homicide, दवा मिक्सिंग और विनिमय नियमों का उल्लंघन जैसे आरोप लगे हैं। उनका दावा है कि उन्होंने वर्षों तक ये सिरप बनाए लेकिन कभी ऐसी समस्या नहीं आई। छापेमारी में उत्पादन रिकॉर्ड, कच्चे माल की शिपमेंट, स्टॉक रसीदें आदि जब्त की गई हैं।
सुरक्षा उपाय और जनता के लिए सलाह
- सभी माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे Coldrif, Respifresh TR, ReLife नामक सिरपों का उपयोग तुरंत बंद कर दें।
- यदि घर में इन सिरपों की बोतलें हों, तो उन्हें स्वास्थ्य विभाग को सौंपें।
- किसी भी लक्षण जैसे यूरेन कम होना, पेट दर्द, उल्टी आदि दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- सरकार को चाहिए कि दवा कंपनियों की गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली में कड़ी निगरानी हो।
- WHO सहित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को इस मामले की पारदर्शी जांच की मांग करनी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि: इससे पहले भी देश प्रभावित
इस तरह की घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं — जैसे कि Gambia, Uzbekistan, Cameroon और अन्य देशों में भारत-निर्मित दूषित सिरप्स से बच्चों की मृत्यु हुई थी।
उजबेकिस्तान में 2022 में 20 बच्चों की मौत हुई थी, जिसके बाद WHO ने Indian-made कफ सिरपों पर चेतावनी जारी की थी। इस प्रकार यह मामला न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक चेतावनी है।
राजनीति, मीडिया और सामाजिक प्रभाव
- इस घटना ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है — विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
- मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, और जनता में आक्रोश बढ़ गया है।
- सामाजिक मीडिया पर #Coldrif, #SyrupDeath जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
- स्वास्थ्य सुरक्षा और औषधि उद्योग की जवाबदेही की मांग जोर पकड़ रही है।
चुनौतियाँ एवं सुधार की ज़रूरत
- नियामक अंतराल (Regulatory Gap): WHO ने कहा है कि भारत में कुछ कफ सिरपों की जाँच व्यवस्था कमजोर है।
- कानूनी कार्यवाही: दोषियों को सजा दिलाना और दंड स्थापित करना जरूरी है।
- औषधि उद्योग में पारदर्शिता: परीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक हों और इसकी निगरानी हो।
- जनजागरूकता बढ़ाना: लोगों को यह जानकारी देना कि वे कौन सी दवाएँ सुरक्षित हैं।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: WHO, विश्व दवा नियामक एजेंसियों के साथ मिलकर भारत को सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
निष्कर्ष
जहाँ एक ओर दवाओं का उद्देश्य जीवन बचाना होना चाहिए, वहीं इस त्रासदी ने यह दिखाया कि नियंत्रण की कमी और भ्रष्ट तंत्र बच्चे की जान ले सकता है। WHO की चेतावनी न सिर्फ भारत के स्वास्थ्य तंत्र को पत्थर की तरह झकझोर रही है, बल्कि यह विश्व समुदाय को भी यह याद दिलाती है कि दवा सुरक्षा कितना अहम है।
अब समय है कि सरकार, औषधि निर्माता, निगरानी एजेंसियाँ और जनता मिलकर इस त्रासदी से सबक लें और भविष्य में इसे रोका जाए।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. WHO ने किन सिरपों पर चेतावनी दी है?
A: WHO ने Coldrif, Respifresh TR, और ReLife नामक कफ सिरपों को खतरनाक करार दिया है।
Q2. मध्य प्रदेश में कितने बच्चों की मौत हुई?
A: छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में लगभग 19–21 बच्चों की मौत हुई।
Q3. दोषी कंपनी का नाम क्या है और क्या कार्रवाई हुई?
A: दोषी कंपनी Sresan Pharmaceutical है और उसके मालिक G. Ranganathan को गिरफ्तार किया गया है।
Q4. क्या ये सिरप अमेरिका को निर्यात किए गए थे?
A: यू.एस. FDA ने पुष्टि की कि ये सिरप अमेरिका को निर्यात नहीं किए गए थे।
Q5. भविष्य में ऐसी घटनाएँ कैसे रोकी जाएँ?
A: अधिक सख्त परीक्षण, पारदर्शी प्रक्रिया, निगरानी और जनजागरूकता बढ़ाकर ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकती हैं।
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