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क्रिकेट की दुनिया में कुछ खिलाड़ी अपनी असाधारण प्रतिभा और मेहनत से कम उम्र में ही सुर्खियाँ बटोर लेते हैं। ऐसे ही एक नाम हैं वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने अपनी युवा उम्र में ही क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बना ली है।​

Vaibhav Suryavanshi की प्रारंभिक जीवन

वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर गाँव में हुआ था। उनके पिता, जो एक किसान और अंशकालिक पत्रकार हैं, ने वैभव की क्रिकेट के प्रति रुचि को बचपन में ही पहचान लिया। सिर्फ चार वर्ष की उम्र में वैभव ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और नौ वर्ष की उम्र में समस्तीपुर के एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने अपने खेल को निखारा। ​

घरेलू क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन

वैभव ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए वीनू मांकड़ ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व किया, जहाँ उन्होंने पांच मैचों में 400 रन बनाए। इस शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें जनवरी 2024 में रणजी ट्रॉफी में बिहार के लिए मुंबई के खिलाफ पदार्पण करने का मौका मिला। उस समय उनकी उम्र मात्र 12 वर्ष और 284 दिन थी, जिससे वे रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। ​

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

वैभव ने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ खेलते हुए मात्र 58 गेंदों में शतक जड़ा, जो युवा टेस्ट क्रिकेट में किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक है। इसके अलावा, उन्होंने अंडर-19 एशिया कप में भी दो अर्धशतक लगाए, जिससे उनकी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। ​

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आईपीएल में ऐतिहासिक चयन

नवंबर 2024 में आयोजित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की नीलामी में वैभव ने इतिहास रच दिया। महज 13 वर्ष की उम्र में, वे आईपीएल नीलामी में शामिल होने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने और राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा। यह न केवल उनकी प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा भी है। ​

राजस्थान रॉयल्स के साथ सफर

राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने वैभव की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि टीम उन्हें आईपीएल के दबाव से परिचित होने का समय देगी और सही समय पर मैदान में उतारेगी। कप्तान संजू सैमसन ने भी वैभव का समर्थन करते हुए कहा कि टीम का माहौल सकारात्मक है और वे वैभव को पूरा समर्थन देंगे।

भविष्य की उम्मीदें

वैभव सूर्यवंशी की कहानी दिखाती है कि मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से कम उम्र में भी बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं। क्रिकेट प्रेमियों को उनसे भविष्य में और भी शानदार प्रदर्शनों की उम्मीद है।​

वैभव सूर्यवंशी का सफर न केवल बिहार, बल्कि पूरे भारत के युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।​

By Desk

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