Sushila Karki Interim Prime Minister Nepal: नेपाल में हाल ही में एक ऐतिहासिक बदलाव आया है। Sushila Karki Interim Prime Minister Nepal के रूप में चुनी गई हैं, जो नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (former Chief Justice) महसूस की जाती थीं। यह परिवर्तन Gen Z protests के बाद हुआ, जिसमें युवाओं ने सामाजिक मीडिया प्रतिबंध, राजनीतिक भ्रष्टाचार और व्यवस्था की पारदर्शिता को लेकर देशव्यापी विरोध किया।
Gen Z Movement: विरोध की वजहें
- सरकार द्वारा social media ban लगाने का मामला, जिसमें फेसबुक, एक्स (X), यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स प्रतिबंधित किए गए थे, ने युवाओं को सड़कों पर ला दिया।
- भ्रष्टाचार, नौकरियों की कमी, और राजनीतिक पारिवारिक तंत्र (nepotism) से नाराज़गी बढ़ रही थी।
KP Sharma Oli की सरकार का पतन
- विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें कई नागरिकों की जान गई।
- अंततः प्रधानमंत्री KP Sharma Oli ने इस्तीफा दे दिया।
Sushila Karki Interim Government – नामित कैसे हुईं?
- Gen Z के प्रतिनिधियों, सेना और राष्ट्रपति के बीच बैठक हुई।
- चर्चाओं में सुशीला कार्की का नाम सामने आया क्योंकि वे न्यायिक पृष्ठभूमि से हैं, भ्रष्टाचार-विरोधी रुख अपनाती रही हैं, और युवाओं में विश्वास का पात्र बन गई हैं।
- संसद भंग कर दी गई और अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया अमल में लाई गई।
आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियाँ
- अस्थिरता की स्थिति में जनहित और आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं; व्यापार और रोज़मर्रा की ज़िंदगी बाधित हुई।
- नए अंतरिम प्रधानमंत्री को न्यायालयीन मामलों की समीक्षा, आरोपों की जांच और नए चुनाव तय समय पर करवाने जैसे दायित्वों का सामना करना है।
प्रथम महिला प्रधानमंत्री के तौर पर सुशीला कार्की का महत्व
- सुशीला कार्की न्यायपालिका से आईं, उनका करियर पारदर्शिता, निष्पक्ष निर्णयों और भ्रष्टाचार की कम toleration के लिए जाना जाता है।
- उनका होना युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उन लोगों के लिए जो राजनीति में बदलाव की उम्मीद रखते हैं।
फ्यूचर पथ: क्या अपेक्षाएँ होंगी?
- संविधान के अनुसार अंतरिम सरकार कब तक रहेगी, चुनाव कब होंगे—ये सवाल हैं जिनका जवाब जल्द मिलेगा।
- Gen Z आंदोलनकर्ता सरकार की निगरानी पर जोर दे रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार पारदर्शी हो और जनता की आवाज सुने।
निष्कर्ष
Sushila Karki Interim Prime Minister Nepal का चयन केवल एक नेतृत्व परिवर्तन नहीं है, बल्कि नेपाल में राजनीतिक संस्कृति में बदलाव की शुरुआत है। Gen Z आंदोलन ने यह दिखाया कि युवा शक्ति सिर्फ विरोध नहीं, लेकिन जवाबदेही और बदलाव की मांग भी कर सकती है। अब नेपाल की बारी है कि वह इस मौके का सदुपयोग करे—भविष्य की दिशा तय करे, नए चुनावों की रूपरेखा बनाए और भ्रष्टाचार व अन्य सामाजिक समस्याओं से सामना करे।
FAQs
Q1. What constitutional article enabled Sushila Karki’s appointment as Interim Prime Minister?
A1. यह नियुक्ति नेपाल के संविधान के अंतर्गत “Article 61” के अंतर्गत हुई है।
Q2. जब Protest शुरू हुए थे तब कितनी मौतें हुईं और कितने घायल?
A2. विरोधों में अब तक कम से कम 34 से 50 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों घायल हुए हैं।
Q3. Gen Z आंदोलन की प्रमुख माँगें क्या थीं?
A3. भ्रष्टाचार मुक्ति, सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाना, पारदर्शिता, संसद भंग करना आदि।
Q4. क्या संसद भंग कर दी गई है?
A4. हाँ, सुशीला कार्की की नियुक्ति के बाद संसद को भंग किया गया है ताकि सुरक्षित रूप से नए चुनाव हो सकें।
Q5. भारत तथा पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया क्या रही है?
A5. भारत ने इस नए अंतरिम सरकार गठन का स्वागत किया है और नेपाल में शांति व स्थिरता की कामना की है।
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