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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार 26 अप्रैल को मतदान सुबह 7 बजे से शुरु हो गई है,  इस बीच ईवीएम और वीवीपीएटी को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है, ईवीएम और वीवीपीएटी के आंकड़ों का शत प्रतिशत मिलान करने यानी दोनों मशीनों में मौजूद वोटों की गिनती कराए जाने की मांग वाली अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को ही फैसला सुनाया है, सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों की मांग वाली वीवीपैट मिलान वाली याचिका खारिज कर दी है, लंबी सुनवाई के बाद आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है,

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के शत प्रतिशत मिलान को लेकर याचिका दायर की गई थी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई पूरी की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से भी अहम सवाल किए थे,

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वही कोर्ट ने 18 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन चुनाव आयोग से उसने बीते बुधवार को कुछ सवाल पूछे थे, जिसके बाद अब आज कोर्ट इस याचिका पर अपना अहम फैसला सुनाया है, दरअसल वर्तमान में वीवीपैट वेरिफिकेशन के तहत लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा के सिर्फ पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम वोटों का वीवीपैट से मिलान किया जाता है, इसके चलते इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में सिर्फ पांच रैंडम रूप से चयनित ईवीएम को वेरिफिकेशन करने के बाद सभी की गिनती की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस भेज दिया था ।

बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम किसी अन्य संवैधानिक अथॉरिटी के कामकाज को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं, चुनाव आयोग ने हमारे संदेह दूर किए हैं, हम विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकते हैं, हम संदेह के आदार पर कोई आदेश नहीं जारी कर सकते हैं,

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