भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पाकिस्तान ने हाल ही में एक समन्वित ड्रोन और मिसाइल हमला किया, जिसका उद्देश्य भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों और संवेदनशील ठिकानों को नुकसान पहुंचाना था। लेकिन इस बार पाकिस्तान को कड़ा जवाब मिला — और वह भी हवा में ही।
भारतीय वायुसेना और सेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान के इस ‘स्वार्म अटैक’ को महज 25 मिनट में पूरी तरह विफल कर दिया। इसमें भारत ने एस-400, आकाश और स्पाइडर जैसी उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया।
क्या था पाकिस्तान का प्लान?
पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, सांबा और नगरोटा जैसे सीमावर्ती इलाकों में एक साथ दर्जनों ड्रोन और मिसाइल लॉन्च किए थे। यह हमला ‘स्वार्म ड्रोन अटैक’ की तरह था — यानी एक साथ कई ड्रोन भेजे गए ताकि भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को भ्रमित किया जा सके।
लेकिन भारत पहले से तैयार था।

भारत की एयर डिफेंस ने कैसे काम किया?
1. S-400 ‘सुदर्शन चक्र’
रूस निर्मित यह प्रणाली 400 किमी तक की दूरी पर उड़ रहे लक्ष्यों को ट्रैक कर उन्हें मार गिराने में सक्षम है। दिल्ली, अमृतसर और जोधपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात एस-400 ने सबसे पहले पाकिस्तानी मिसाइलों को ट्रैक किया और उन्हें टारगेट किया।
2. आकाश मिसाइल सिस्टम
भारत में बनी यह प्रणाली मध्यम दूरी के हवाई खतरों को रोकने के लिए तैनात की गई थी। यह एक साथ 12 लक्ष्यों पर निशाना साध सकती है। जम्मू और उधमपुर में तैनात आकाश सिस्टम ने कम ऊंचाई पर उड़ते ड्रोन और क्रूज़ मिसाइलों को मार गिराया।
3. स्पाइडर मिसाइल सिस्टम
इज़रायली तकनीक पर आधारित यह प्रणाली बेहद कम ऊंचाई पर आने वाले टारगेट्स — जैसे कि ड्रोन, हेलिकॉप्टर और सटीक निर्देशित मिसाइलों — को बहुत तेजी से जवाब देने में सक्षम है। यह सिस्टम नगरोटा और पठानकोट में तैनात था।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की तैयारी
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पहले ही पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर करारा हमला किया था। उस हमले के बाद यह तय था कि पाकिस्तान कोई जवाबी कार्रवाई करेगा। लेकिन भारत ने उसकी चाल को पहले ही भांप लिया और एयर डिफेंस को हाई अलर्ट पर रखा।
इसलिए जैसे ही पाकिस्तान ने हमला शुरू किया, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और सभी ड्रोन व मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया।
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पाकिस्तान की कोशिश फेल क्यों हुई?
- भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस रणनीति — जिसमें लंबी, मध्यम और छोटी दूरी की मिसाइलें काम करती हैं — पूरी तरह सिंक्रनाइज़ थी।
- रडार, थर्मल सेंसर्स और AI-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम ने हमले की सटीक पहचान की।
- ऑपरेशन से पहले लगातार सैटेलाइट मॉनिटरिंग और इंटेलिजेंस इनपुट्स से पूरी तैयारी की गई थी।
निष्कर्ष
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वह न केवल जवाबी कार्रवाई कर सकता है, बल्कि आसमान से आने वाले हर खतरे को पहले ही रोकने में सक्षम है। S-400, आकाश और स्पाइडर जैसे सिस्टम ने पाकिस्तान के हमलों को एक मिनट भी सफल नहीं होने दिया।
यह तकनीकी जीत सिर्फ एक सामरिक सफलता नहीं, बल्कि भारत की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति का जीता-जागता उदाहरण है।