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RakshaBandhan 2025: किस दिन है रक्षाबंधन, कब है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

Rakshabandhan 2025

भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक भावनाओं को भी दर्शाता है। इन्हीं पर्वों में से एक है Rakshabandhan 2025, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। यह पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके लंबे जीवन और सुरक्षा की कामना करती हैं।

Rakshabandhan 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त

Rakshabandhan 2025 में यह पर्व 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार, इस दिन श्रावण पूर्णिमा रहेगी और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त प्रातः 9:28 बजे से लेकर दोपहर 3:45 बजे तक माना जा रहा है।

भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित होता है, इसलिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है।

पूजा विधि और परंपराएं

Rakshabandhan 2025 के दिन बहनें प्रातः स्नान कर पूजन की थाली सजाती हैं। थाली में राखी, चावल, रोली, दीपक, मिठाई और नारियल रखा जाता है। भाई को तिलक कर, आरती उतारने के बाद राखी बांधी जाती है और मिठाई खिलाई जाती है। बदले में भाई बहन को उपहार देता है और जीवनभर उसकी रक्षा करने का वचन देता है।

इस दिन ब्राह्मण जन यज्ञोपवीत (जनेऊ) परिवर्तन भी करते हैं जिसे “श्रावणी उपाकर्म” कहते हैं।

kab hai Rakshabandhan

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

Rakshabandhan 2025 केवल एक पारिवारिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और विश्वास का प्रतीक भी है। पुराने समय में यह केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं था, बल्कि महिलाएं वीरों, राजाओं और संतों को भी राखी बांधती थीं।

इतिहास में चित्तौड़ की रानी कर्णावती द्वारा मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजना इसका जीवंत उदाहरण है, जिसे देखकर यह स्पष्ट होता है कि राखी एक रक्षा-संविधान की भावना है।

Rakshabandhan 2025 में उपहारों की नई रुझान

आज के समय में Rakshabandhan 2025 केवल राखी और मिठाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उपहारों और डिजिटल संदेशों का भी त्यौहार बन गया है। बाजारों में विभिन्न प्रकार की राखियाँ—ईको-फ्रेंडली, सिल्वर, गोल्ड-प्लेटेड और कस्टमाइज़्ड डिज़ाइनों में उपलब्ध होती हैं।

भाइयों के लिए स्मार्ट गैजेट्स, घड़ियाँ, फैशन एक्सेसरीज़ और बुक्स लोकप्रिय उपहार विकल्प हैं। वहीं बहनों के लिए मेकअप किट, ज्वेलरी, कपड़े, और डिजिटल गिफ्ट कार्ड्स ट्रेंड में हैं।

दूर रहकर भी मनाएं Rakshabandhan 2025

अगर बहन अपने भाई से दूर है, तो डाक, ऑनलाइन डिलीवरी या डिजिटल वीडियो कॉल के माध्यम से भी Rakshabandhan 2025 को मनाया जा सकता है। आजकल कई वेबसाइट्स पर राखी सेट्स और कस्टम उपहार पैकेजेस की सुविधा उपलब्ध है जो सीधे घर पहुंचते हैं।

देशभर में उत्सव का माहौल

Rakshabandhan 2025 केवल उत्तर भारत में नहीं, बल्कि पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में यह पर्व स्थानीय रीति-रिवाज़ों के साथ मनाया जाता है।

सिख धर्म में इसे “राखड़ी” कहा जाता है और जैन धर्म में यह त्याग और आत्मसंयम का भी प्रतीक होता है।

निष्कर्ष

Rakshabandhan 2025 केवल एक रस्म या पर्व नहीं, बल्कि यह भावना है एक अटूट रिश्ते की, जिसमें सुरक्षा, प्रेम, त्याग और सम्मान निहित हैं। यह पर्व हमें अपने रिश्तों को फिर से सँवारने और सशक्त बनाने का अवसर देता है।

Rakshabandhan 2025 केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भरोसे और आपसी सहयोग का संदेश भी देता है। आजकल कई संगठन और स्कूल इस पर्व को सामाजिक एकता के रूप में मनाते हैं जहाँ बच्चे, सैनिकों, पुलिसकर्मियों और बुज़ुर्गों को राखी बाँधकर उनके योगदान को सम्मानित करते हैं। यह पर्व हर वर्ग और उम्र के लोगों को जोड़ने का अनोखा जरिया बन गया है।

यदि आपने अभी से इसकी तैयारी शुरू नहीं की है, तो अब समय आ गया है कि आप अपनी बहन या भाई के लिए कुछ खास सोचें और इस पावन अवसर को अविस्मरणीय बनाएं।