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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण का छेड़छाड़ किया गया वीडियो पर तबातोड़ एक्शन हो रहा है, वीडियो सोशल मीडिया पर कथित तौर पर अपलोड करने और साझा करने के मामले में 12 और लोगों को नोटिस भेजा गया है, जिसे लेकर फर्जी वीडियो मामले में राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया है जिसे दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी,

वही तेलंगाना के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी समेत कुल 17 लोगों को मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है, हालांकि, सूत्रों ने कहा कि रेड्डी के जांच में शामिल होने की ‘‘संभावना नहीं है” और वह अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं,

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रेड्डी और कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के 4 अन्य नेताओं को एक मई को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था, उन्हें अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाने को कहा गया है जिसका कथित इस्तेमाल ‘एक्स’ पर फर्जी वीडियो साझा करने में किया गया हो सकता है,

वही नगालैंड, झारखंड, तेलंगाना, यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक जांच का दायरा फैल चुकी है, दिल्ली के ओम विहार निवासी एक व्यक्ति को भी नोटिस दिया गया है, नोटिस देने के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें भेजी गई हैं, फर्जी वीडियो वायरल करने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं,  इनमें ज्यादातर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं, सभी को पूछताछ के लिए एक मई को सुबह 10:20 बजे द्वारका स्थित आईएफएसओ के ऑफिस में बुलाया गया, सभी बुधवार को नहीं आए तो फिर से कानूनी नोटिस दिया जाएगा,

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वही सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री शाह के डीपफेक वीडियो केस में दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने 7-8 राज्यों में 16 लोगों को सीआरपीसी की धारा 91, 160 के तहत पूछताछ में शामिल होने के लिए समन दिया है, सीआरपीसी की धारा 160 के तहत पुलिस के पास अधिकार होता है कि वो किसी केस की जांच में शामिल होने के लिए किसी को नोटिस दे सकती है, साथ ही सीआरपीसी की धारा 91 के तहत कोई दस्तावेज या गैजेट्स पेश करने के लिए कहा जाता है ।

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