Pakistan की सेना इस समय गंभीर गोला-बारूद संकट का सामना कर रही है, जिससे उसकी युद्ध क्षमता केवल चार दिनों तक सीमित हो गई है। ANI और अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की आर्टिलरी गोला-बारूद भंडार इतनी कम हो गई है कि वह उच्च तीव्रता वाले युद्ध को केवल 96 घंटे तक ही झेल सकती है।
पाकिस्तान में गोला-बारूद की कमी के कारण
इस संकट का मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा हाल ही में यूक्रेन और इज़राइल को बड़ी मात्रा में 155 मिमी आर्टिलरी शेल्स और 122 मिमी रॉकेट्स का निर्यात है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी और मार्च 2023 के बीच पाकिस्तान ने यूक्रेन को 42,000 BM-21 रॉकेट्स और 60,000 हॉवित्जर शेल्स भेजे।
आर्थिक संकट और उत्पादन में बाधाएं
पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज (POF) की पुरानी उत्पादन सुविधाएं और वैश्विक मांग में वृद्धि के कारण सप्लाई प्रभावित हुई है। साथ ही, देश की आर्थिक स्थिति भी गहरी चिंता का विषय है — जिसमें कर्ज, महंगाई और विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी शामिल है।
सैन्य नेतृत्व की चिंता
2 मई 2025 को रावलपिंडी में हुई कोर कमांडर्स बैठक में पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों पर गहन चर्चा हुई, जहां गोला-बारूद की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की गई।
निष्कर्ष
पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति उसकी सैन्य तैयारियों पर गंभीर प्रश्न उठाती है। गोला-बारूद की कमी और आर्थिक संकट के चलते, अगर भारत के साथ कोई संघर्ष होता है, तो पाकिस्तान की सेना जल्द ही घुटनों पर आ सकती है क्योंकि उसके पास केवल चार दिनों तक ही प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए गोला-बारूद हैं।