जोमैटो, स्विगी, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के लिए काम करने वाले लाखों डिलीवरी बॉय और कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. देश में तेजी से बढ़ती गिग इकोनॉमी (Gig Economy) में काम करने वाले लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए एक पेंशन योजना का प्रस्ताव रखा है। इस योजना के तहत स्विगी, जोमैटो, उबर, ओला, फ्लिपकार्ट, अमेज़न जैसी कंपनियों में डिलीवरी, ड्राइवर या अन्य फ्रीलांस काम करने वाले कर्मचारियों को भी अब पेंशन का लाभ मिल सकता है।
क्या है गिग वर्कर्स के लिए पेंशन योजना?
सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि असंगठित क्षेत्र के इन श्रमिकों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से पेंशन स्कीम लागू की जाएगी। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें गिग वर्कर्स को अपनी जेब से कोई पैसा नहीं देना होगा। बल्कि, यह पूरी तरह से प्लेटफॉर्म कंपनियों से मिलने वाले योगदान पर आधारित होगी।
सरकार का उद्देश्य है कि देश के करोड़ों असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे वृद्धावस्था में भी आत्मनिर्भर बन सकें।


कैसे मिलेगा लाभ?
इस योजना के अंतर्गत गिग वर्कर्स को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जारी किया जाएगा। यह नंबर EPFO की तरह ही काम करेगा। यदि कोई वर्कर एक साथ कई प्लेटफॉर्म्स पर काम करता है, तो भी सभी का योगदान उसी एक UAN खाते में जुड़ेगा।
सरकार ने सुझाव दिया है कि प्लेटफॉर्म कंपनियों को प्रत्येक लेनदेन पर 1% से 2% तक का योगदान गिग वर्कर्स के पेंशन फंड में करना होगा। उदाहरण के लिए, यदि एक ग्राहक ने किसी डिलीवरी ऐप से 500 रुपये का ऑर्डर किया है, तो कंपनी उस पर 5 से 10 रुपये तक पेंशन फंड में डालेगी।
ई-श्रम पोर्टल से होगा लिंक
यह पूरी योजना भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल से लिंक होगी। वर्तमान में इस पोर्टल पर 30 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं। ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से पेंशन योजना को पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा और हर गिग वर्कर को रजिस्टर्ड करके लाभ पहुंचाया जाएगा।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
- गिग वर्कर्स को UAN नंबर मिलेगा।
- पेंशन योजना में योगदान प्लेटफॉर्म कंपनियों से आएगा।
- वर्कर्स को कोई अतिरिक्त राशि नहीं देनी होगी।
- एक से अधिक कंपनियों से मिलने वाला योगदान एक ही पेंशन खाते में जाएगा।
- EPFO और ई-श्रम मिलकर इस योजना को लागू करेंगे।
इससे क्या बदलेगा?
भारत में तेजी से बढ़ती गिग इकॉनमी में लाखों युवा, छात्र, और बेरोजगार लोग पार्ट-टाइम या फुल-टाइम काम कर रहे हैं। ऐसे में यह योजना उनके लिए भविष्य में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का काम करेगी। इससे न सिर्फ वर्कर्स का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी भी तय होगी।
सरकार की मंशा
केंद्र सरकार का कहना है कि गिग वर्कर्स भी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, इसलिए उन्हें सामाजिक सुरक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता। श्रम मंत्रालय इस योजना को जल्द ही लागू करने की प्रक्रिया में है और इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
यह पेंशन योजना गिग वर्कर्स के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न सिर्फ उन्हें वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि असंगठित क्षेत्र को एक नई पहचान भी मिलेगी। यदि यह योजना प्रभावी रूप से लागू होती है, तो यह भारत में सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकती है।