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AAP नेता मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने फिर से एक बार झटका दिया है, सिसोदिया की ED और CBI दोनों मामलों मे जमानत की मांग वाली याचिका खारिज हो गई है, ये दूसरी बार है जब सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की गई है, इससे पहले भी सिसोदिया को निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली शराब घोटाला मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, राउज एवेन्यू कोर्ट में जज कावेरी बावेजा के सामने सुनवाई के दौरान CBI  ने कहा था कि सिसोदिया घोटाले के किंगपिन हैं, इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए, CBI ने कहा कि अगर सिसोदिया को जमानत दी गई तो वह सबूतों ओर गवाहों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दबाव से असर डाल सकते हैं,

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CBI ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट में ये दलील दी थी कि हम बार-बार कहते है कि यही किंगपिन हैं और इनकी याचिका में देरी का ग्राउंड है, देरी के क्या कारण हैं इस बारे में हम बता चुके हैं कि कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में भी माना है कि सिसोदिया मास्टरमाइंड हैं, चूंकि सिसोदिया की ओर से दलीलें पिछली सुनवाई के दौरान ही दी जा चुकी हैं, लिहाजा सिसोदिया के खिलाफ ED और CBI में दर्ज मामले को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज याचिका खारिज कर दी गई ,

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वही 22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था, 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई, नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गईं, नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी, हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में थी, जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने अपनी शराब नीति को रद्द कर फिर से पुरानी पॉलिसी को लागू कर दिया ।

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