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यूट्यबर और बीजेपी नेता मनीष कश्यप को फर्जी वीडियो मामले में बड़ी राहत मिली है, पटना की सिविल कोर्ट ने सबूत के आभाव में मनीष कश्यप समेत दो लोगों को बरी कर दिया है, फेक वीडियो को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक इकाई की तरफ से मामला दर्ज किया गया था, अभी कुछ समय पहले ही मनीष कश्यप ने मनोज तिवारी की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा था।

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आपको बता दें कि बीते दिनों मनीष कश्यप का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था, वायरल वीडियो तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का था, उस वीडियो को मनीष कश्यप ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल से शेयर किया था, इस वीडियो को बनाने के बाद मनीष कश्यप बुरी तरह से फंस गए थे, वीडियो के वायरल होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने इसे भ्रामक बताते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था,

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वही जब पुलिस ने दबिश दी तो मनीष कश्यप अंडरग्राउंड हो गए, जब बेतिया पुलिस ने मनीष के घर की कुर्की शुरू की तो स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया था, EOU टीम ने केस अपने कब्जे में लेकर मनीष से पूछताछ की और जेल भेज दिया, तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी, उसके बाद करीब 9 महीने तक मनीष कश्यप जेल में रहे,

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खुद को ‘’सन ऑफ बिहार’’ कहने वाले मनीष कश्यप  बीते 25 अप्रैल को बीजेपी में शामिल हुए थे, उन्हें बीजेपी सांसद मनोज तिवारी  ने दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दिलाई थी, इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि वो पश्चिमी चंपारण सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने इसके लिए प्रचार भी शुरू कर दिया था, वह निर्दलीय चुनाव में उतरना चाहते थे, हालांकि अब वो बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं |

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