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भारत का तुर्की से मोहभंग: रक्षा, व्यापार और पर्यटन पर लगा ब्रेक

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भारत और पाकिस्‍तान में जारी तनाव के बीच तुर्की ने खुलकर पाकिस्‍तान का पक्ष लिया और उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. भारतीय सैलानियों ने पहले ही तुर्की के लिए अपनी बुकिंग कैंसिल कराके जोरदार झटका दे दिया है और अब सरकार भी सबक सिखाने के मूड में है. तुर्की की कई कंपनियां यूपी, दिल्‍ली सहित देश के 5 राज्‍यों में विभिन्‍न प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं. सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्‍द ही इनके कामकाज की समीक्षा करेगी और इन कंपनियों को प्रोजेक्‍ट से हटा सकती है.

भारत-तुर्की संबंधों में बढ़ता तनाव

हालिया कूटनीतिक घटनाओं के कारण भारत और तुर्की के बीच संबंधों में खटास आ गई है। तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों के बाद भारत ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा शुरू कर दी है। इससे दोनों देशों के व्यापारिक, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग पर गहरा प्रभाव पड़ा है।तुर्की को सिर्फ पर्यटन से ही नहीं व्‍यापार से भी चोट देने की तैयारी चल रही है. खुदरा व्‍यापारियों के सबसे बड़े संगठन कैट सहित कई उद्योग संगठनों ने तुर्की से कारोबार बंद करने और उसका बहिष्‍कार करने की मांग उठाई है.

रक्षा सहयोग में बदलाव

भारत ने तुर्की की अनादोलु शिपयार्ड के साथ $2 बिलियन की नौसेना परियोजना को रद्द कर दिया है। इस परियोजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए पांच फ्लीट सपोर्ट शिप्स का निर्माण होना था, जिसमें तुर्की तकनीकी सहयोग प्रदान करता। अब यह निर्माण पूरी तरह से भारत में ही किया जाएगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।

रक्षा निर्यात पर तुर्की का प्रतिबंध

तुर्की ने भारत को रक्षा उत्पादों के निर्यात पर रोक लगा दी है। तुर्की के रक्षा खरीद अधिकारी मुस्तफा मुरात सेकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण भारत को रक्षा उत्पादों का निर्यात नहीं किया जाएगा। यह निर्णय तुर्की की विदेश नीति और पाकिस्तान के प्रति समर्थन को दर्शाता है।

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व्यापारिक परियोजनाओं की समीक्षा

भारत सरकार तुर्की की कंपनियों द्वारा भारत में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा कर रही है। मुंबई एयरपोर्ट में तुर्की की कंपनी सेलेबी होल्डिंग की भागीदारी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। शिवसेना ने मांग की है कि इस कंपनी को एयरपोर्ट संचालन से हटाया जाए, क्योंकि तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई किए हैं।

फिल्म उद्योग में भी बहिष्कार की मांग

भारतीय फिल्म उद्योग की संस्था FWICE ने तुर्की को शूटिंग लोकेशन के रूप में बहिष्कृत करने की अपील की है। इसका कारण तुर्की का पाकिस्तान के प्रति समर्थन और भारत के खिलाफ बयानों को बताया गया है। FWICE ने फिल्म निर्माताओं से तुर्की में शूटिंग न करने का अनुरोध किया है।

पर्यटन और व्यापार पर प्रभाव

तुर्की और अज़रबैजान के पाकिस्तान के समर्थन के बाद भारतीय उद्योगपति हर्ष गोयनका ने इन देशों का पर्यटन बहिष्कार करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि भारतीय पर्यटकों ने पिछले साल इन देशों में ₹4,000 करोड़ से अधिक खर्च किए थे। EaseMyTrip और Cox & Kings जैसी ट्रैवल कंपनियों ने भी तुर्की और अज़रबैजान के लिए अपनी सेवाएं स्थगित कर दी हैं।

आर्थिक संबंधों पर असर

भारत और तुर्की के बीच 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार $13.8 बिलियन था, जो 2023-24 में घटकर $10.4 बिलियन रह गया। भारतीय कंपनियों ने तुर्की में लगभग $126 मिलियन का निवेश किया है, जबकि तुर्की की कंपनियों ने भारत में $210 मिलियन से अधिक का निवेश किया है। हालिया घटनाओं के चलते इन निवेशों और व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।

निष्कर्ष

भारत और तुर्की के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव ने दोनों देशों के व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाला है। भारत ने अपनी ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत विदेशी निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। वर्तमान परिदृश्य में दोनों देशों के लिए आपसी समझ और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में संबंधों को पुनः मजबूत किया जा सके।