एयरलाइन गो एयर के सामने एक और बड़ा संकट खड़ा हो गया है. एक तो पहले गो एयर कर्ज के दलदल में फंसकर बंद हो चुकी है. गो एयर को खरीदने को इच्छुक एक बड़े इनवेस्टर निशांत पिट्टी ने अब इस डील से हाथ पीछे खींच लिए हैं. ट्रेवल पोर्टल ईज माय ट्रिप के सीईओ निशांत पिट्टी ने कहा है कि काफी सोच विचार के बाद उन्होंने इस सौदे से हटने का निर्णय लिया है |
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वही कंपनी के विमान बेड़े में अधिकतर एयरबस एयरक्राफ्ट थे और इनमें प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन का इस्तेमाल हुआ था. इन इंजन में खराबी के चलते कंपनी के बेड़े के 50% से ज्यादा एयरक्राफ्ट लंबे समय से पार्किंग में खड़े थे और उड़ान भरने में ही सक्षम नहीं थे. ऐसे में गो फर्स्ट ने खुद ही एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया था. गो फर्स्ट का पहले नाम गो एयर था.
डील से अलग हुए EaseMyTrip के सीईओ
वही गो फर्स्ट के रिवाइवल के लिए कई कंपनियां आगे आईं थीं. इनमें से ट्रैवल इंडस्ट्री में काम करने वाले ऑनलाइन पोर्टल ईजमाईट्रिप के सीईओ निशांत पिट्टी भी शामिल थे. शनिवार को निशांत पिट्टी ने खुद को गो फर्स्ट की बिडिंग प्रोसेस से अलग करने का ऐलान किया है.
निशांत पिट्टी ने दिया था प्रस्ताव
दरअसल निशांत पिट्टी के मालिकाना हक वाली बिजी बी एयरवेज ने स्पाइसजेट के चीफ अजय सिंह के साथ मिलकर गो एयर को खरीदने के लिए प्रस्ताव दिया था. 3 महीने पहले फरवरी में आए इस प्रस्ताव के बाद ऐसा लग रहा था कि गो एयर एक बार फिर से आसमान में उड़ने लगेगी. लेकिन उसके उड़ने की सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है., निशांत पिट्टी के ताजे निर्णय से एयरलाइन को बड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही गो एयर का संकट से उबरने का एक और रास्ता बंद हो गया है.
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निशांत पिट्टी ने साफ किया है कि काफी सोच-विचार करने के बाद उन्होंने इंडिविजुअल कैपेसिटी में गो फर्स्ट की बोली प्रक्रिया से बाहर होने का फैसला कर लिया है. इसकी वजह उनकी अन्य स्ट्रैटिजिक प्रायोरिटी हैं. वह पहले उन पर बेहतर तरीके से ध्यान देना चाहते हैं ।
एयरलाइन के पास 3 जून तक का समय है ।
आपको बता दें कि फिलहाल यह जानकारी नहीं लग पाई है कि अजय सिंह अब क्या करने वाले हैं. इस डील में अपना महत्वपूर्ण साथी खो देने के बाद मुश्किल लग रहा है कि वह आगे भी इस सौदे को लेकर कदम बढ़ाएंगे. ईज माय ट्रिप ने शुक्रवार को अपने तिमाही नतीजे जारी किए थे. इनमें कंपनी को 15.07 करोड़ रुपये का घाटा लगा था. उधर, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट को समाधान निकालने के लिए 3 जून तक का समय दिया है.
54 विमान वापस होने का आदेश
गो फर्स्ट ने अपने ऑपरेशंस को चलाए रखने के लिए 54 विमान पट्टे या किराये पर लिए थे, लेकिन इनमें से अधिकतर उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे. ऐसे में दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक हालिया आदेश में विमान लीज पर देने वाली कंपनी को इन्हें वापस हासिल करने की अनुमति दे दी थी. लेकिन निशांत पिट्टी अब अपना प्रस्तावना वापस लेने की बात कह दी है. अब देखना है कि अजय सिंह बोली लगाएंगे या नहीं ।