नई दिल्ली: म्यांमार, थाईलैंड, चीन और भारत में आज तड़के आए विनाशकारी 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई। भूकंप का केंद्र म्यांमार के मंडाले के पास था, लेकिन इसके झटके बैंकॉक, युन्नान (चीन) और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक महसूस किए गए। इस आपदा में कई इमारतें, पुल और फ्लाईओवर ढह गए, सैकड़ों लोग मलबे में दब गए और कई इलाकों में संचार बाधित हो गया।
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बैंकॉक में भीषण तबाही, कई इमारतें गिरीं
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30-मंज़िला निर्माणाधीन इमारत गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई और 43 अन्य मलबे में दब गए। भूकंप के कारण कई ऊंची इमारतें हिलती नजर आईं और सड़कें फट गईं। प्रशासन ने बैंकॉक को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है और बचाव अभियान जारी है।
म्यांमार में भूकंप से हालात गंभीर, ऐतिहासिक अवा ब्रिज गिरा
म्यांमार में ऐतिहासिक अवा ब्रिज सहित कई संरचनाएं गिर गईं, जिससे मंडाले और तौंगू शहरों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है। संचार सेवाएं ठप हैं, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
चीन और भारत तक महसूस हुए झटके
चीन के युन्नान प्रांत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जहां कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और कई लोग घायल हो गए। भारत में विशेष रूप से असम, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में हल्के झटके महसूस किए गए, हालांकि किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।
बचाव कार्य में बाधाएं, बिजली और संचार सेवाएं प्रभावित
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के तार टूट गए, मोबाइल नेटवर्क ठप हो गए, जिससे राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। म्यांमार में चल रहे नागरिक संघर्ष के कारण राहत अभियान में और भी चुनौतियां पैदा हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई चिंता
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप प्रभावित देशों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि “भारत हरसंभव सहायता के लिए तैयार है” और विदेश मंत्रालय से हालात की निगरानी करने को कहा है।
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