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Doctor’s Terror Network Busted: देशभर में फैले हैं आतंक के डॉक्टर! 4 दिन में 4 गिरफ्तारी ने मचाई सनसनी, ‘व्हाइट कॉलर टेरर’ का नया चेहरा

Doctor's Terror Network Busted

Doctor’s Terror Network Busted: देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऐसे भयावह आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जिसने पूरे देश को सकते में डाल दिया है। पिछले चार दिनों के भीतर, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से चार डॉक्टरों समेत कुल सात से अधिक लोगों की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि आतंक का चेहरा अब केवल अनपढ़ या बेरोजगार युवाओं तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि समाज के सबसे सम्मानित और पढ़े-लिखे वर्ग—सफेदपोश पेशेवर (White Collar Professionals)—भी इस खतरनाक जाल में शामिल हो रहे हैं।

यह ऑपरेशन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सफल रहा है।

1. Doctor’s Terror Network Busted: कश्मीर से गुजरात तक फैला आतंक का जाल

यह भंडाफोड़ जम्मू-कश्मीर पुलिस के नेतृत्व में एक समन्वित ऑपरेशन के तहत हुआ, जिसमें हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी सहयोग किया। आतंकवादियों का यह नेटवर्क कश्मीर से शुरू होकर दिल्ली-एनसीआर और गुजरात तक फैला हुआ था।

फरीदाबाद का मास्टरमाइंड डॉक्टर

इस मॉड्यूल का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद शहर बना, जहां डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (पुलवामा निवासी) अल-फलाह यूनिवर्सिटी में एक सहायक प्रोफेसर और डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। पुलिस ने मुजम्मिल को गिरफ्तार करने के बाद उसके किराए के कमरे से 360 किलोग्राम अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ अमोनियम नाइट्रेट (IED बनाने की सामग्री), एक क्रिंकोव असॉल्ट राइफल, पिस्टल, और 20 टाइमर बरामद किए। अमोनियम नाइट्रेट का यह जखीरा दिल्ली-एनसीआर को दहलाने के लिए काफी था।

सहारनपुर से डॉ. आदिल की गिरफ्तारी

इस ऑपरेशन की शुरुआत सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से डॉ. आदिल अहमद राथर की गिरफ्तारी से हुई, जो जम्मू-कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला था। आदिल की पूछताछ से ही पुलिस को डॉ. मुजम्मिल के ठिकाने और विस्फोटक के जखीरे की जानकारी मिली।

लखनऊ और गुजरात में महिला डॉक्टर का कनेक्शन

जांच का दायरा लखनऊ (उत्तर प्रदेश) और गुजरात तक फैल गया है। लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल राइफल और गोला-बारूद छिपाने के लिए डॉ. शाहीन की कार का इस्तेमाल करता था। इसके अलावा, गुजरात से डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से राइफल और राइसिन (Ricin) जहर बनाने की सामग्री मिली है।

2. Doctor’s Terror Network Busted: ‘व्हाइट कॉलर टेरर’ क्यों है खतरनाक?

सुरक्षा एजेंसियों ने इस मॉड्यूल को ‘व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क’ नाम दिया है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है:

  • शक से परे: डॉक्टर, प्रोफेसर और उच्च शिक्षा प्राप्त पेशेवर होने के कारण, इन लोगों पर आसानी से शक नहीं होता। वे समाज में प्रतिष्ठित पदों पर होते हैं, जिससे उन्हें आतंकी साजिशों को आसानी से अंजाम देने के लिए लॉजिस्टिक्स जुटाने और स्लीपर सेल बनाने में मदद मिलती है।
  • इंटरनेशनल संपर्क: पुलिस के अनुसार, ये आरोपी पाकिस्तान और अन्य विदेशी आकाओं के संपर्क में थे, जो इस नेटवर्क को चला रहे थे।
  • तकनीकी ज्ञान: इन ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकियों के पास उच्च विस्फोटक और जहर बनाने का वैज्ञानिक व तकनीकी ज्ञान होता है, जैसा कि राइसिन जहर बनाने की सामग्री मिलने से पता चलता है।
  • बरामदगी: कुल मिलाकर, इस नेटवर्क से लगभग 2,900 किलोग्राम आईईडी (IED) बनाने की सामग्री (रसायन, विस्फोटक, डेटोनेटर, तार) के साथ-साथ असॉल्ट राइफलें, पिस्टल, और टाइमर बरामद हुए हैं।

3. क्या था आतंकियों का बड़ा प्लान?

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद और एजीयूएच से जुड़े इस मॉड्यूल का उद्देश्य पूरे उत्तर भारत को दहलाने की बड़ी साजिश को अंजाम देना था।

  • निशाने पर बड़े शहर: बरामद अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ और अहमदाबाद जैसे भीड़भाड़ वाले शहरों में बड़े पैमाने पर विस्फोट करने के लिए पर्याप्त थी।
  • समन्वित हमला: 20 टाइमर और रिमोट कंट्रोल की बरामदगी यह संकेत देती है कि आतंकी एक साथ कई ठिकानों पर समन्वित हमले करने की फिराक में थे।
  • ताजा चिंता: दिल्ली में हाल ही में लाल किले के पास एक कार में हुए विस्फोट की घटना ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है कि क्या यह मॉड्यूल अपनी साजिशों को आंशिक रूप से अंजाम देने में सफल रहा है, हालांकि अभी तक दोनों घटनाओं के सीधे लिंक की पुष्टि नहीं हुई है।

4. निष्कर्ष

पिछले कुछ दिनों में चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी ने ‘व्हाइट कॉलर टेररिज्म’ के नए और खतरनाक चेहरे को सामने ला दिया है। यह दिखाता है कि देश के उच्च शिक्षित वर्ग को कट्टरपंथी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों की यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करने में मील का पत्थर साबित हुई है, लेकिन इसने देश की आंतरिक सुरक्षा और खुफिया तंत्र के लिए नई चुनौतियां भी खड़ी कर दी हैं। अब जांच का अगला चरण इन गिरफ्तार आतंकियों के पीछे के विदेशी आकाओं और पूरे वित्तीय नेटवर्क का पर्दाफाश करना होगा।

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