Delhi Red Fort Blast: हाल ही में लाल किले के पास हुई कार विस्फोट की घटना ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली का इतिहास केवल विकास और राजनीति का ही नहीं रहा है, बल्कि यह शहर समय-समय पर आतंकी वारदातों और बड़े धमाकों का केंद्र भी रहा है। ये घटनाएं न केवल सैकड़ों मासूमों की जान ले गईं, बल्कि दिल्ली के नागरिकों के मन में गहरा जख्म भी छोड़ गईं।
हाल की घटना के संदर्भ में, आइए याद करते हैं इतिहास के उन 5 सबसे बड़े और दर्दनाक मौकों को, जब धमाकों ने दिल्ली को दहला दिया था:
2005 का दिल्ली सीरियल ब्लास्ट: जब दीपावली से पहले छा गया था मातम
2005 का दीपावली सीरियल ब्लास्ट: 60 की मौत, 200 से अधिक घायल
दिल्ली के इतिहास का सबसे भीषण और भयावह आतंकी हमला 29 अक्टूबर 2005 को दीपावली के त्योहार से ठीक दो दिन पहले हुआ था। इस दिन दिल्ली में तीन अलग-अलग स्थानों पर एक के बाद एक धमाके हुए थे।
- स्थान: सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी। ये सभी बाजार दीपावली की खरीदारी के कारण भीड़ से भरे हुए थे।
- हताहत: इन सिलसिलेवार धमाकों में 60 से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
- प्रभाव: सरोजिनी नगर बाजार पूरी तरह से तबाह हो गया था। इस हमले ने दिखाया कि कैसे आतंकी भीड़-भाड़ वाले बाजारों को निशाना बनाकर अधिकतम नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का हाथ बताया गया था।
2008 का दिल्ली सीरियल ब्लास्ट: कोर्ट परिसर तक पहुंचा हमला
2008 का सीरियल ब्लास्ट: इंडियन मुजाहिदीन का निशाना
13 सितंबर 2008 को दिल्ली में एक बार फिर सिलसिलेवार पांच धमाके हुए थे। ये धमाके भी बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाकर किए गए थे।
- स्थान: कनॉट प्लेस, करोल बाग, इंडिया गेट के पास और ग्रेटर कैलाश।
- हताहत: इन हमलों में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
- जांच: इन हमलों की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen – IM) ने ली थी, जिसने इसे 2008 के जयपुर धमाकों का बदला बताया था।
2011 का दिल्ली हाईकोर्ट धमाका: न्याय के मंदिर पर हमला
2011 दिल्ली हाईकोर्ट धमाका: 15 लोगों की मौत
7 सितंबर 2011 को देश की न्यायिक प्रणाली को निशाना बनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के गेट नंबर 5 पर एक शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ था। यह घटना उस समय हुई जब कोर्ट में काफी भीड़ थी और लोग सुनवाई के लिए इंतजार कर रहे थे।
- हताहत: इस हमले में 15 लोगों की मौत हुई थी और 70 से अधिक लोग घायल हुए थे।
- उद्देश्य: इस हमले का उद्देश्य न केवल जनहानि करना था, बल्कि देश की न्यायिक व्यवस्था में दहशत फैलाना भी था। इस हमले की जिम्मेदारी भी कथित तौर पर हरकत उल-जिहाद-ए-इस्लामी (HuJI) ने ली थी।
2010 का जामा मस्जिद हमला: पर्यटक क्षेत्र में दहशत
2010 जामा मस्जिद हमला: पर्यटकों को निशाना बनाने की साजिश
19 सितंबर 2010 को, दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के गेट नंबर 3 के पास दो अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की और उसके तुरंत बाद एक कार में धमाका हुआ। यह हमला उस समय हुआ जब मस्जिद के बाहर पर्यटकों की काफी भीड़ थी।
- हताहत: सौभाग्य से, इस हमले में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन दो ताइवानी पर्यटक घायल हुए थे। हालांकि, भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए इस हमले ने दिल्ली की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
- जांच: जांच एजेंसियों ने इस घटना को एक बड़ा आतंकी हमला करने की कोशिश माना था, जिसका उद्देश्य विदेशी पर्यटकों के बीच दहशत फैलाना था।
2021 का इजरायली दूतावास के पास IED ब्लास्ट
2021 इजरायली दूतावास ब्लास्ट: हाई सिक्योरिटी जोन में विस्फोट
29 जनवरी 2021 को, दिल्ली में हाई सिक्योरिटी वाले इलाके एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित इजरायली दूतावास (Israeli Embassy) के पास एक मामूली आईईडी (IED) धमाका हुआ था।
- हताहत: इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली के सबसे सुरक्षित और कूटनीतिक क्षेत्रों में हुआ था।
- महत्व: यह हमला गणतंत्र दिवस समारोह के कुछ दिनों बाद हुआ था, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई थी। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दिल्ली हमेशा आतंकियों के निशाने पर रही है, भले ही निशाना छोटा हो या बड़ा।
Delhi Red Fort Blast: हालिया लाल किला कार धमाका (2025), सबक लेने की जरूरत
हाल ही में (10 नवंबर 2025) लाल किले के पास हुई कार विस्फोट की घटना इन्हीं भयावह घटनाओं की याद दिलाती है। इस घटना में 8 लोगों की मौत हुई है और जांच एजेंसियां अभी भी यह पता लगा रही हैं कि यह सीएनजी विस्फोट था या कोई सुनियोजित आतंकी हमला।
दिल्ली का इतिहास गवाह है कि सुरक्षा में जरा सी भी चूक बड़े विनाश का कारण बन सकती है। हर बार के धमाकों ने यही सबक दिया है कि बाजारों, धार्मिक स्थलों, और सरकारी परिसरों में सुरक्षा के मापदंडों को लगातार मजबूत करने की आवश्यकता है। इन ऐतिहासिक त्रासदियों से सबक लेकर ही राजधानी को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
आगे की जांच: गृह मंत्रालय और एनआईए (NIA) हालिया लाल किला धमाके की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि विस्फोट की प्रकृति और इसके पीछे की संभावित साजिश का पता लगाया जा सके ।
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