Delhi government ने मौजूदा एक्साइज पॉलिसी को अगले वित्तीय वर्ष यानी 2025‑26 तक 9 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है। राजधानी में सरकार की नई शराब नीति के इंतज़ार का दौर जारी है।दिल्ली की शराब की दुनिया में फिर हलचल मची हुई है।
अब सवाल यह है – इस एक्सटेंशन से क्या बदलाव होंगे? किस दिशा में जाएगी नई नीति? और कैसे यह दिल्ली के कंज्यूमर और सरकारी राजस्व को प्रभावित करेगी?
क्यों लिया यह फैसला?
- जून 2025 में खत्म होने वाली पुरानी नीति को 27 जून, 2025 तक बढ़ा दिया गया है ।
- नई नीति को अंतिम रूप देने में देरी चल रही है, और इसे तैयार करने के लिए बनाए गए कमिटी के पास अभी और समय चाहिए ।
- इस निर्णय से शराब की बिक्री में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होगा और नीति का निर्माण शांतिपूर्ण ढंग से हो पाएगा।
नई नीति में क्या हो सकता है बदलाव?
- कमिटी ग्राहक अनुभव, ब्रांड की उपलब्धता, और रेगुलेट्री पारदर्शिता जैसे पहलुओं पर काम कर रही है ।
- मुख्य उद्देश्य है भ्रष्टाचार-मुक्त, पारदर्शी और जवाबदेही से भरी पॉलिसी तैयार करना ।
- सरकार कमीशन और लाइसेंस फीस में सुधार करना चाहती है, ताकि उपभोक्ता को बेहतर सेवाएं मिल सकें और राजस्व भी बढ़ सके ।
शॉप्स और दुकानदारों पर क्या असर?
- अभी तक सिर्फ सरकारी कॉरपोरेशन्स (जैसे DTTDC, DSIIDC) ही शराब की दुकानें चला रहे है ।
- पुरानी निजी दुकानों को लाइसेंस रिन्यू करने में देरी हो सकती है, लेकिन मौजूदा व्यवस्था बिना रुकावट के चलेगी।
- सरकार जल्द ही मॉल व वाणिज्यिक क्षेत्रों में नई दुकानें खोलने की भी योजना बना रही है।
उपभोक्ता क्या उम्मीद करें?
- शराब की कीमतों में स्थिरता रहेगी क्योंकि नया मॉडल बिना किसी रद्द-रदल के लागू होगा।
- भविष्य की नई नीति में ग्राहक सुविधा और क्वालिटी कंट्रोल को महत्व मिलेगा ।
- ‘ड्राई डे’ जैसे नियम जारी रहेंगे और त्योहारों या चुनाव के दौरान विशेष बंदिशें लागू होंगी ।
क्या रेवेन्यू प्रभावित होगा?
- दिल्ली सरकार को पिछले सालों में कर और रेवेन्यू में भारी बदलाव देखने को मिला है।
- नई नीति में पारदर्शिता और बेहतर लाइसेंस सिस्टम लाने की कोशिश इसलिए कि उपभोक्ता बाहर जाकर शराब न खरीदें और राजस्व बाहर न गया करें ।
- किसी भी तरह की लीक या मुनाफाखोरी को रोकना प्रमुख लक्ष्य होगा।


Delhi Government की नीति का आम लोगों और बाजार पर असर
Delhi government द्वारा पुरानी एक्साइज पॉलिसी को 9 महीने तक बढ़ाने का असर सीधे तौर पर उपभोक्ताओं, लाइसेंसधारी दुकानदारों और सरकारी खजाने पर पड़ेगा।
- उपभोक्ताओं के लिए फिलहाल राहत है क्योंकि शराब की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा और आपूर्ति भी स्थिर रहेगी।
- दुकानदारों को अस्थायी राहत मिली है, क्योंकि उन्हें अपने मौजूदा लाइसेंस और सप्लाई चैन में कोई बड़ा बदलाव नहीं करना पड़ेगा।
- वहीं, सरकार को इससे यह समय मिल जाएगा कि वह नई नीति को बेहतर ढंग से तैयार कर सके, जिससे भविष्य में कर संग्रह में पारदर्शिता और वृद्धि हो सके। हालांकि, अगर नई नीति लागू करने में और देरी होती है, तो इससे नीतिगत अनिश्चितता और आलोचना बढ़ सकती है।
दिल्ली सरकार जल्द करेगी नई नीति का खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, Delhi government की नई एक्साइज पॉलिसी लगभग तैयार हो चुकी है और इसे आगामी कैबिनेट मीटिंग में पेश किया जा सकता है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस बार की नीति में ई-लॉटरी सिस्टम, रेवेन्यू ट्रैकिंग में टेक्नोलॉजी, और उपभोक्ता अनुभव सुधारने वाले उपाय शामिल होंगे। इसके तहत शराब दुकानों की संख्या को वैज्ञानिक तरीके से तय करने और अवैध बिक्री पर सख्त नियंत्रण की व्यवस्था बनाई जा रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार ने दी सफाई
जहां एक ओर Delhi government ने इस एक्सटेंशन को “तकनीकी और नीतिगत आवश्यकता” बताया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे नीतिगत अस्थिरता और पूर्व नीति में अनियमितताओं को छिपाने का प्रयास बताया है। सरकार का तर्क है कि वह नई नीति को जल्दबाजी में लागू नहीं करना चाहती, बल्कि एक मजबूत, पारदर्शी और भ्रष्टाचार‑मुक्त व्यवस्था लाना चाहती है। इसके लिए विशेषज्ञों और व्यापारियों से लगातार सुझाव भी लिए जा रहे हैं।