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उत्तर भारत में गर्मी के साथ-साथ अब रेल सेवाएं भी यात्रियों की परेशानी का कारण बनती जा रही हैं। हाल ही में दिल्ली से बिहार के दरभंगा जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस घंटों की देरी का शिकार हो गई, जिससे यात्रियों को स्टेशन पर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। इस देरी के चलते न केवल समय बर्बाद हुआ, बल्कि यात्रियों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
दिल्ली-दरभंगा हमसफर एक्सप्रेस घंटों देरी से चली
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई दिल्ली से दरभंगा जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस को निर्धारित समय पर रवाना होना था, लेकिन तकनीकी कारणों या ऑपरेशनल गड़बड़ियों के चलते यह ट्रेन तय समय से कई घंटे लेट हो गई। इससे यात्री, जिनमें बुज़ुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल थे, प्लेटफॉर्म पर घंटों तक असहाय स्थिति में इंतजार करते नजर आए।
यात्रियों की परेशानी और नाराज़गी
ट्रेन के देरी से चलने के कारण यात्रियों में साफ तौर पर नाराजगी देखने को मिली। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो पोस्ट करके रेलवे की व्यवस्था पर सवाल उठाए। एक यात्री ने कहा, “सुबह से प्लेटफॉर्म पर बैठे हैं, कोई सही जानकारी नहीं दे रहा। ऐसे में क्या हम यात्रा करें या घर लौट जाएं?”
रेलवे प्रशासन की ओर से नहीं मिला ठोस जवाब
लोगों की शिकायत के बावजूद रेलवे प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट सूचना या समाधान नहीं दिया गया। घोषणाएं या अपडेट्स अधूरी थीं और कई यात्रियों को ट्रेन के नए समय के बारे में जानकारी ही नहीं मिल सकी। इससे साफ जाहिर होता है कि सूचना प्रबंधन और यात्री सेवा में अभी भी कई सुधार की आवश्यकता है।
अन्य ट्रेनें भी देरी की शिकार
दिल्ली से निकलने वाली सिर्फ हमसफर एक्सप्रेस ही नहीं, बल्कि कई और ट्रेनों पर भी इसका असर पड़ा। कुछ प्रमुख ट्रेनें जो देरी से चलीं, उनमें शामिल हैं:
- सहरसा-आनंद विहार टर्मिनल गरीब रथ विशेष (05577)- 10 घंटे
- गोरखपुर-आनंद विहार टर्मिनल हमसफर एक्सप्रेस- ढाई घंटे
- मुजफ्फरपुर-आनंद विहार टर्मिनल सप्त क्रांति एक्सप्रेस- साढ़े तीन घंटे
- संतरागाच्छी-आनंद विहार टर्मिनल सुपरफास्ट एक्सप्रेस- साढ़े चार घंटे
- रक्सौल-आनंद विहार टर्मिनल सत्याग्रह एक्सप्रेस- पांच घंटे
- दरभंगा-नई दिल्ली बिहार संपर्क क्रांति छह घंटे
- सहरसा-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस पांच घंटे
- गोरखपुर-बठिंडा गोरखधाम एक्सप्रेस छह घंटे
- बरौनी-नई दिल्ली हमसफर विशेष एक्सप्रेस (02563) सवा नौ घंटे
- दरभंगा-नई दिल्ली हमसफर विशेष एक्सप्रेस (02569) 12 घंटे
- सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे
इन ट्रेनों की देरी से न सिर्फ यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई, बल्कि कनेक्टिंग ट्रेनों और बसों का शेड्यूल भी बिगड़ गया।
गर्मी और भीड़ ने बढ़ाई परेशानी
दिल्ली में इस समय तेज़ गर्मी और उमस के कारण हालात और भी खराब हो गए हैं। लेट ट्रेनों के चलते प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिससे हालात काबू से बाहर होते नजर आए। पानी की कमी, बैठने की जगह न होना, और साफ-सफाई की समस्या ने यात्रियों की परेशानियों को और बढ़ा दिया।
यात्रियों की मांग: मिले सही जानकारी और सुविधाएं
लंबी दूरी की ट्रेनों के नियमित रूप से लेट होने से यात्री अब मांग कर रहे हैं कि रेलवे सूचना व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाए, ताकि सही समय पर अलर्ट मिले। साथ ही प्लेटफॉर्म पर बुनियादी सुविधाएं जैसे पीने का पानी, बैठने की जगह और शौचालय भी उपलब्ध हों।
रेलवे की ओर से सुधार की उम्मीद
हालांकि रेलवे प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ऐसे मामलों को देखते हुए भविष्य में कुछ सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। बेहतर ट्रेन टाइमिंग, तकनीकी में सुधार, और यात्रियों के लिए समय पर अपडेट देना रेलवे की प्राथमिकता बननी चाहिए।
निष्कर्ष
ट्रेन लेट होना कोई नई बात नहीं, लेकिन जब सूचना की कमी और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी के साथ यह होता है, तो यह यात्रियों की सहनशीलता की परीक्षा बन जाता है। हमसफर एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों की बार-बार देरी और यात्रियों की बढ़ती नाराजगी से साफ है कि अब समय आ गया है जब रेलवे को यात्रा को समयबद्ध और सुविधाजनक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।