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Delhi Blast: ‘पेट में घुसे कंक्रीट के टुकड़े, आंतें बाहर आईं’, डॉक्टर ने बयां किया खौफनाक मंजर

Delhi Blast

Delhi Blast: लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके में घायल हुए लोगों का इलाज कर रहे लोक नायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल के डॉक्टरों ने जो खुलासा किया है, वह बेहद चौंकाने वाला और भयावह है। डॉक्टरों ने बताया है कि पीड़ितों को सामान्य चोटें नहीं आई हैं, बल्कि उनके शरीर में छर्रों के साथ-साथ कंक्रीट के टुकड़े भी गहरे घुस गए हैं। यह खुलासा धमाके की तीव्रता और उसकी प्रकृति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने घटना का प्रारंभिक विवरण जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि विस्फोट कैसे हुआ।

Delhi Blast: LNJP अस्पताल के डॉक्टर का दिल दहला देने वाला खुलासा

एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टर मनीष झा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि विस्फोट के बाद 30 से अधिक घायल लोगों को अस्पताल लाया गया था, जिनमें से 10 को मृत घोषित किया जा चुका है। डॉक्टर ने बताया कि कई घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है।

घायलों के घावों का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि कई पीड़ितों के शरीर पूरी तरह से झुलस गए हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि घायलों के शरीर में जगह-जगह छर्रे (Shrapnel) और कंक्रीट के टुकड़े घुसे हुए हैं। डॉक्टर ने बताया कि अधिकतर घायलों के पेट और पैरों में ये छर्रे और टुकड़े लगे हैं।

डॉक्टर ने आगे बताया कि कुछ लोगों की चोटें इतनी गहरी थीं कि धमाके के कारण उनकी आंतें (Intestines) बाहर आ गईं। इन पीड़ितों की जान बचाने के लिए तुरंत ऑपरेशन किए जा रहे हैं। शरीर के अंदर घुसे कंक्रीट के टुकड़े और छर्रे निकालकर जांच एजेंसियों, विशेष रूप से फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) को सौंपे जा रहे हैं। इससे जांचकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलेगी कि विस्फोट में किस प्रकार के विस्फोटक और मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया था। यह विवरण स्पष्ट करता है कि यह ब्लास्ट कोई साधारण दुर्घटना नहीं, बल्कि उच्च तीव्रता का विस्फोट था।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बताया- ‘रेड लाइट पर रुकी थी कार’

जहां अस्पताल के डॉक्टर भयावह घावों का इलाज कर रहे हैं, वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने धमाके के सटीक समय और स्थान के बारे में प्रारंभिक जानकारी दी है।

पुलिस आयुक्त गोलचा ने बताया कि सोमवार शाम करीब 6 बजकर 52 मिनट पर यह घटना हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर एक धीमी गति से चलती कार रुकी थी और उसी दौरान उसमें अचानक विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गईं और क्षतिग्रस्त हो गईं।

आयुक्त ने यह भी बताया कि सभी प्रमुख जांच एजेंसियां—जैसे कि FSL, NIA और NSG—मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने पुष्टि की कि घटना में कुछ लोगों की जान चली गई है और कुछ घायल हुए हैं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि वह लगातार गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क में हैं और उन्हें समय-समय पर नवीनतम जानकारी दी जा रही है।

आतंकी कोण और जांच का व्यापक दायरा

घायलों के शरीर में कंक्रीट के टुकड़ों का मिलना और विस्फोट की तीव्रता सीधे तौर पर आतंकी कोण की ओर इशारा कर रही है। आम तौर पर, गैस सिलेंडर या सीएनजी किट फटने से इस तरह के छर्रे या कंक्रीट के घाव नहीं होते हैं। फॉरेंसिक जांच टीम अब इस बात की पुष्टि करने में जुटी है कि यह विस्फोट इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से हुआ था या नहीं।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कार के टूटे हुए पुर्जों की मदद से गाड़ी नंबर का पता लगाने और उसके मालिक तथा ड्राइवर की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। यह घटना राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है, जिसके बाद दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

Delhi Blast: निष्कर्ष

डॉक्टरों द्वारा बयां की गई यह त्रासदी दिखाती है कि पीड़ितों ने कितनी भीषण चोटों का सामना किया है। कंक्रीट के टुकड़ों का शरीर में प्रवेश करना बताता है कि यह विस्फोट अत्यधिक शक्ति के साथ किया गया था, जिसका उद्देश्य अधिकतम जनहानि करना था। घायलों का इलाज जारी है, जबकि देश की शीर्ष एजेंसियां इस साजिश की तह तक पहुंचने के लिए युद्धस्तर पर जांच कर रही हैं।

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