Delhi Blast: लाल किले के पास हुए भीषण कार विस्फोट की जांच में अब बड़ा मोड़ आ गया है। इस धमाके में इस्तेमाल हुई सफेद रंग की हुंडई i-20 कार के मालिक सलमान से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की संयुक्त टीम द्वारा की गई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में कार से जुड़े तीन बड़े रहस्य सामने आए हैं, जो इस पूरे मामले को एक सुनियोजित साजिश की ओर मोड़ रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियां अब इन तीनों रहस्यों की कड़ियों को जोड़कर आतंकी साजिश की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने पहले ही पुष्टि कर दी है कि यह एक ‘सामान्य धमाका नहीं’ था।
1. Delhi Blast: कार मालिक सलमान का दावा: ‘मैंने तो कार बेच दी थी’
धमाके के तुरंत बाद, i-20 कार के मलबे से उसकी पहचान हुई और पता चला कि यह कार हरियाणा के गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद, सलमान ने पूछताछ में एक बड़ा खुलासा किया:
- पहला सीक्रेट: बिक्री का दावा: सलमान ने दावा किया है कि उसने यह कार काफी समय पहले बेच दी थी। हालांकि, उसने बताया कि कार की बिक्री तो हुई, लेकिन उसने आधिकारिक तौर पर RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में उसका मालिकाना हक ट्रांसफर (Transfer of Ownership) नहीं कराया था।
- पुलिस का एक्शन: अब जांच एजेंसियां RTO के पुराने रिकॉर्ड खंगाल रही हैं और उस व्यक्ति की तलाश कर रही हैं, जिसे कार बेची गई थी। यह नया मालिक ही जांच के लिए सबसे अहम कड़ी है। पुलिस का मानना है कि यह बिक्री केवल कागजी तौर पर की गई थी या यह किसी आतंकी मॉड्यूल को कार सौंपने का एक तरीका था।
2. आतंकी मॉड्यूल से जुड़े तार और ‘i-20’ का इस्तेमाल
सलमान से पूछताछ और मौके से जुटाए गए साक्ष्यों ने इस विस्फोट के तार हाल ही में फरीदाबाद में पकड़े गए ‘व्हाइट कॉलर टेरर’ मॉड्यूल से जोड़ दिए हैं।
- दूसरा सीक्रेट: आतंकी कनेक्शन: जांच में पता चला है कि i-20 कार का इस्तेमाल संभवतः आतंकी मॉड्यूल के गुर्गों द्वारा किया जा रहा था। फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल और डॉ. आदिल जैसे आतंकियों के ठिकाने से भारी मात्रा में विस्फोटक (2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट) और हथियार बरामद हुए थे। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि क्या विस्फोट करने वाला व्यक्ति वही था जो फरीदाबाद से फरार चल रहा था।
- संभावित आत्मघाती हमला: उच्च पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह एक घातक आत्मघाती हमला हो सकता है। आशंका है कि फरार आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदी i-20 कार को लाल किले के पास भीड़भाड़ वाले सुभाष मार्ग सिग्नल पर रोका और खुद को उड़ा लिया, जिससे 8 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
3. धमाके वाली कार की असामान्य प्रकृति
दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यह धमाका सामान्य नहीं था। घटनास्थल से मिली फोरेंसिक रिपोर्ट और कार की स्थिति ने इस बयान को और पुख्ता किया है।
- तीसरा सीक्रेट: उच्च तीव्रता: कार के परखच्चे जिस तरह से उड़े और एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने जिस तरह पीड़ितों के शरीर में कंक्रीट के टुकड़े और छर्रे मिलने की बात कही है, वह स्पष्ट करता है कि विस्फोट में उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक (IED) का इस्तेमाल किया गया था, न कि केवल सीएनजी किट का।
- कार का इस्तेमाल: कार का इस्तेमाल विस्फोटक को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और निशाना बनाने के लिए एक ‘वेपन ऑन व्हील्स’ (Wheels as Weapon) के रूप में किया गया था। कार के मलबे से बरामद संदिग्ध तार और सर्किट इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
आगे की जांच और देशव्यापी अलर्ट
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद, NIA और दिल्ली पुलिस अब आरटीओ डेटा को खंगाल रही है ताकि i-20 कार के वास्तविक उपयोगकर्ता तक पहुंचा जा सके।
गृह मंत्री अमित शाह लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने जल्द ही घटनास्थल तथा अस्पताल का दौरा करने की घोषणा की है। दिल्ली में ‘रेड अलर्ट’ जारी है और सभी सुरक्षा एजेंसियां इस मॉड्यूल के अन्य स्लीपर सेल्स का पता लगाने में जुटी हैं।
यह घटना दर्शाती है कि समाज के सफेदपोश और उच्च शिक्षित लोग आतंकी साजिशों में शामिल हो रहे हैं, जैसा कि हाल ही में पकड़े गए डॉक्टर मॉड्यूल ने भी दिखाया था। अब यह देखना होगा कि कार मालिक सलमान से पूछताछ के बाद जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।
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