Congress List For Bihar Election: दिल्ली में हुई कांग्रेस की बड़ी बैठक ने बिहार की राजनीति को फिर गर्मा दिया है। पार्टी ने 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को मंजूरी दे दी है, जिससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस अब बिहार में अपनी खोई हुई जमीन वापस लेने के मूड में है। यह बैठक दिल्ली में हुई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और बिहार कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
दिल्ली में हुई बैठक – बिहार पर फोकस क्यों?
दिल्ली में हुई यह बैठक सिर्फ औपचारिक नहीं थी, बल्कि रणनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जा रही है। बिहार 2025 के चुनाव के लिहाज से कांग्रेस के लिए निर्णायक राज्य है। पार्टी को उम्मीद है कि अगर महागठबंधन एकजुट रहा, तो भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी की जा सकती हैं।
25 सीटों पर उम्मीदवारों को मंजूरी – क्या है इसका मतलब
इस बार कांग्रेस ने 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की मंजूरी देकर चुनावी संकेत साफ कर दिए हैं। पार्टी अब सीट शेयरिंग में ज्यादा समझौता करने के मूड में नहीं दिख रही। इन 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो चुके हैं और अब फाइनल लिस्ट जल्द जारी होने की उम्मीद है।
सीट शेयरिंग पर रणनीति: कौन सी पार्टी को कितनी सीटें?
महागठबंधन में राजद, जेडीयू, कांग्रेस, सीपीआई(एमएल) और कुछ छोटे दल शामिल हैं। माना जा रहा है कि राजद को सबसे ज्यादा सीटें, जेडीयू को दूसरी प्राथमिकता, और कांग्रेस को 25-30 सीटों का कोटा मिल सकता है। हालांकि कुछ सीटों पर आपसी सहमति अभी बाकी है।
Congress List For Bihar Election: बिहार में महागठबंधन की स्थिति
महागठबंधन की राजनीति फिलहाल अंदरूनी मतभेदों से जूझ रही है। एक ओर राजद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में मजबूत दिख रही है, वहीं कांग्रेस अपने संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश में है। जेडीयू और कांग्रेस के बीच कई सीटों पर ओवरलैप की स्थिति बनी हुई है।
राजद-कांग्रेस के बीच तालमेल की चुनौती
राजद और कांग्रेस दोनों चाहते हैं कि सीट बंटवारा बराबरी के आधार पर हो। लेकिन कई जगहों पर दोनों दलों के प्रभाव वाले क्षेत्र एक जैसे हैं, जिससे तालमेल बनाना मुश्किल हो रहा है। फिर भी नेताओं का कहना है कि चुनाव से पहले सबकुछ सुलझा लिया जाएगा।
भाजपा और एनडीए का पलटवार तैयार
दूसरी तरफ भाजपा और एनडीए इस स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। एनडीए पहले से ही अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रहा है और हर विधानसभा क्षेत्र में सोशल मीडिया और बूथ मैनेजमेंट पर फोकस कर रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि महागठबंधन की गुटबाजी उसका फायदा कराएगी।
कांग्रेस की नजर 2025 बिहार विधानसभा पर क्यों है?
कांग्रेस का मकसद सिर्फ लोकसभा सीटों तक सीमित नहीं है। पार्टी चाहती है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश करे। यही वजह है कि कांग्रेस अब से ही उम्मीदवार चयन, ग्राउंड रिपोर्ट और संगठन विस्तार पर काम शुरू कर चुकी है।
पार्टी हाईकमान की भूमिका
बैठक में राहुल गांधी और खड़गे ने साफ कहा कि इस बार उम्मीदवार चयन लोकप्रियता और कार्यकर्ता कनेक्शन के आधार पर होगा। दिल्ली बैठक में यह भी तय हुआ कि महिलाओं और युवाओं को अधिक अवसर दिया जाएगा।
यह कांग्रेस की नई सोच का हिस्सा है, ताकि पार्टी को नई पहचान मिल सके।
स्थानीय नेताओं की राय – जमीनी हकीकत क्या कहती है?
स्थानीय नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास कई सीटों पर मजबूत उम्मीदवार हैं। लेकिन संगठन को और सक्रिय करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी को राजद के साथ सामंजस्य बैठाकर काम करना होगा ताकि वोट बिखराव से बचा जा सके।
महिलाओं और युवाओं को टिकट देने की योजना
कांग्रेस इस बार महिला और युवा उम्मीदवारों को तरजीह दे रही है। पार्टी चाहती है कि युवाओं में नया उत्साह पैदा किया जाए और महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी में लाया जाए। इससे कांग्रेस की छवि “नई सोच वाली पुरानी पार्टी” के रूप में उभर सकती है।
सीट बंटवारे पर जेडीयू और राजद के बीच मतभेद
हालांकि महागठबंधन की एकता की बात हो रही है, पर जेडीयू और राजद के बीच कुछ सीटों पर मतभेद अब भी हैं।
कांग्रेस इन दोनों के बीच सेतु की भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है ताकि गठबंधन एकजुट रह सके।
कांग्रेस की रणनीति – कमजोर किलों को मजबूत करने की कोशिश
कांग्रेस ने तय किया है कि वह ऐसे क्षेत्रों में ज्यादा निवेश करेगी, जहां पार्टी पहले दूसरे नंबर पर रही थी। इन इलाकों में बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जा रही है। साथ ही, सोशल मीडिया प्रचार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
2024 लोकसभा के अनुभव से क्या सीखा कांग्रेस ने?
2024 में बिहार में कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली थी। लेकिन इस बार पार्टी उस हार को अनुभव में बदलने की कोशिश कर रही है। चुनाव प्रचार में अब स्थानीय मुद्दों और युवाओं की आवाज को प्राथमिकता दी जा रही है।
2025 के विधानसभा चुनाव पर इसका असर
कांग्रेस के इस कदम से साफ संकेत है कि पार्टी लंबी पारी खेलने की रणनीति बना रही है। अगर सीट शेयरिंग सही तरह से होती है, तो 2025 में कांग्रेस फिर से बिहार की सत्ता की दौड़ में शामिल हो सकती है।
निष्कर्ष – क्या कांग्रेस फिर से बिहार में पांव जमा पाएगी?
कांग्रेस ने दिल्ली में 25 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाकर राजनीतिक संदेश साफ कर दिया है — अब पार्टी बैकफुट पर नहीं, बल्कि फ्रंटफुट पर खेलने को तैयार है। अगर महागठबंधन में तालमेल बना रहा, तो बिहार की सियासत में कांग्रेस की वापसी संभव है।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कांग्रेस ने 25 सीटों पर नाम कब फाइनल किए?
दिल्ली में हुई हालिया बैठक में कांग्रेस ने 25 सीटों के उम्मीदवारों को मंजूरी दी है।
2. क्या राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति हो गई है?
अभी बातचीत जारी है, लेकिन ज्यादातर सीटों पर प्रारंभिक सहमति बन चुकी है।
3. क्या कांग्रेस 2025 के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से उतरेगी?
हां, कांग्रेस इस बार बिहार में संगठनात्मक स्तर पर पूरी तैयारी कर रही है।
4. क्या महिलाओं को इस बार ज्यादा टिकट मिलेंगे?
जी हां, कांग्रेस ने स्पष्ट कहा है कि महिला उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
5. इस बैठक में कौन-कौन शामिल था?
मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बैठक में मौजूद रहे।
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