Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ने इस बार कई ऐसे बाहुबली उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा, जिन्होंने अपने दबदबे और राजनीतिक रसूख से सीटों को हॉट सीट में बदल दिया। इन सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कल, 14 नवंबर, 2025 को मतगणना के बाद होगा। बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2,616 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद है, लेकिन इन सब में सबसे ज़्यादा चर्चा और विश्वास पटना जिले की मोकामा विधानसभा सीट (Mokama Assembly Constituency) पर देखने को मिल रहा है।
यहाँ से जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) के बाहुबली उम्मीदवार अनंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी चुनावी लड़ाई इस बार इसलिए भी खास है, क्योंकि वह अपने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में दुलारचंद यादव हत्याकांड के मामले में न्यायिक हिरासत के चलते बेउर जेल में बंद थे। जेल में होने के बावजूद, अनंत सिंह के पटना स्थित आवास पर जीत के जश्न और भोज की तैयारियां ज़ोरों पर हैं, जिससे यह साफ होता है कि उनके समर्थक, जिन्हें वे ‘छोटे सरकार’ के नाम से पुकारते हैं, उनकी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।
मोकामा की हॉट सीट: त्रिकोणीय मुकाबला और बाहुबली का दबदबा
मोकामा सीट लंबे समय से अनंत सिंह का गढ़ रही है। इस बार उनका मुकाबला मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की उम्मीदवार वीणा देवी और प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज (Jan Suraaj) के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी से है।
अनंत सिंह, जो पहले निर्दलीय और फिर RJD के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं, इस बार नीतीश कुमार की अगुवाई वाले JDU के टिकट पर मैदान में हैं। मोकामा की राजनीति में उनकी पकड़ इतनी मज़बूत मानी जाती है कि उनके समर्थक उनके जेल जाने को केवल एक राजनीतिक साज़िश मानते हैं।
अनंत सिंह का चुनाव प्रचार भले ही जेल से संचालित हुआ हो, लेकिन उनके समर्थक और परिवार लगातार मोकामा के गाँव-गाँव तक पहुँचे। प्रचार के दौरान, उन्होंने हमेशा खुद को पीड़ित के रूप में पेश किया और जनता से अपने लिए न्याय की गुहार लगाई। समर्थकों का विश्वास है कि मोकामा की जनता उन्हें भारी मतों से विजयी बनाकर जेल से बाहर लाएगी, जिससे यह साबित होगा कि सत्य की जीत हुई है।
Bihar Election Result 2025: जेल जाने से पहले ‘छोटे सरकार’ का आत्मविश्वास
अपनी गिरफ्तारी से पहले, अनंत सिंह ने विरोधियों को सीधे चुनौती दी थी। उन्होंने दावा किया था कि मोकामा में इस बार मुकाबला एकतरफा होगा और उनके सभी विरोधियों की ज़मानत जब्त हो जाएगी। उनके इस अति आत्मविश्वास का कारण मोकामा क्षेत्र में उनकी मजबूत व्यक्तिगत पकड़ और जातिगत समीकरणों पर उनकी अच्छी कमांड रही है।
उनके समर्थकों ने उनके इस दावे को सच साबित करने का बीड़ा उठाया है। उनका मानना है कि JDU के साथ उनका गठबंधन और नीतीश कुमार की छवि भी उन्हें अतिरिक्त लाभ देगी, जिससे वे पिछले चुनावों के मुकाबले और भी बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे।
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Bihar Election Result 2025: जीत से पहले ही ’56 भोग’ की भव्य तैयारी
अनंत सिंह के पटना स्थित आवास पर मतगणना से एक दिन पहले ही जो जश्न की तैयारी चल रही है, वह बिहार की चुनावी राजनीति में समर्थकों के अटूट विश्वास को दर्शाती है। यह तैयारी किसी भी राजनीतिक दल के मुख्यालय पर होने वाले जश्न से कम नहीं है।
- मिठाइयों का विशाल भंडार: जीत का मुंह मीठा करने के लिए बड़े पैमाने पर गुलाब जामुन, शुद्ध देसी घी के लड्डू, और विभिन्न प्रकार की पारंपरिक मिठाइयों का ऑर्डर दिया गया है। दर्जनों कारीगर दिन-रात इन मिठाइयों को बनाने में जुटे हुए हैं।
- सामूहिक भोज (भंडारा): मोकामा से लेकर पटना तक, हज़ारों की संख्या में समर्थक और शुभचिंतक अनंत सिंह के आवास पर मतगणना के नतीजों का इंतज़ार करने के लिए जुटने वाले हैं। उनके स्वागत में, समर्थकों द्वारा लाखों लोगों के लिए सामूहिक भोज (भंडारा) की व्यवस्था की जा रही है, जिसे वे ‘छोटे सरकार’ की जीत का ’56 भोग’ मान रहे हैं। इस भोज में पूड़ी, सब्ज़ी, दाल और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होंगे।
- सुरक्षा व्यवस्था: प्रशासन को सूचित करते हुए, उनके समर्थकों ने आवास के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया है ताकि परिणाम घोषित होते ही व्यवस्थित रूप से जश्न शुरू किया जा सके।
जेल में बंद एक उम्मीदवार के लिए मतगणना से पहले ही इस तरह की भव्य तैयारी यह साबित करती है कि मोकामा की जनता और उनके समर्थक अनंत सिंह को न केवल एक उम्मीदवार, बल्कि एक जन-नेता के रूप में देखते हैं, जिनका प्रभाव जेल की सलाखों के पीछे से भी कम नहीं हुआ है।
नतीजों का इंतज़ार
कल, 14 नवंबर को, जब ईवीएम खुलेगी और मतगणना के रुझान सामने आएंगे, तब यह पता चलेगा कि अनंत सिंह का आत्मविश्वास और उनके समर्थकों का अटूट विश्वास कितना सही साबित होता है। क्या मोकामा की जनता सच में ‘छोटे सरकार’ को भारी मतों से विजयी बनाएगी और उनके विरोधियों की ज़मानत जब्त होगी? या फिर जेल में होने का असर वोटों पर पड़ेगा?
बिहार की राजनीतिक गलियारों में सभी को मोकामा सीट के परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार है। फिलहाल, पटना में मिठाई और भोज की खुश्बू फैल चुकी है, जो आने वाले जश्न की कहानी बयां कर रही है।
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