Bihar Assembly Election Date 2025: यानी बिहार के विधानसभा चुनाव की तारीख का इंतज़ार इस समय पूरी राजनीति, प्रशासन और जनता के बीच की सबसे बड़ी चर्चा बन चुका है। चुनाव आयोग की Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया, मतदाता सूची में संशोधन, भू-राजनैतिक भूमिका और समय-सीमा पर सार्वजनिक और राजनीतिक दृष्टि दोहराई जा रही है। आइए विस्तार से समझते हैं कि इस महत्वपूर्ण चुनाव की तैयारी—तारीख, प्रक्रिया और राजनीतिक माहौल—क्या हैं।
1. चुनाव आयोग की प्रक्रिया: SIR और मतदाता सूची संशोधन
चुनाव आयोग ने Special Intensive Revision (SIR) की घोषणा 25 जून 2025 को की, जिसके तहत प्रत्येक मतदाता की सूची को घर-घर जाकर सुधारा गया। इस प्रक्रिया की मुख्य तिथियाँ इस प्रकार हैं:
- 25 जून – 26 जुलाई: BLO (Booth Level Officer) घर-घर पहुँचकर नए नाम जोड़ने, हटा देने और संशोधन के आवेदन जमा कराए।
- 27 – 31 जुलाई: प्राप्त फॉर्मों के आधार पर वोटर सूची में अपडेट किया गया।
- 1 अगस्त: ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की गई।
- 30 सितंबर: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ।
इन तारीखों के बाद ही निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव का शेड्यूल घोषित किया जाता है, जैसा कि परंपरागत रूप से होता रहा है।
2. Bihar Assembly Election Date 2025: कब तय होगी?—शुरुआती संकेत
वर्तमान अनुमानों के अनुसार Bihar Assembly Election Date की घोषणा पहले हफ्ते अक्टूबर 2025 में हो सकती है। आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के एक सप्ताह बाद चुनाव की तारीख घोषित करना सामान्य प्रक्रिया है।
इसके अलावा विकेंद्रीकृत मतदान को ध्यान में रखते हुए, ये चुनाव अक्टूबर और नवंबर 2025 में आयोजित किए जाएंगे, क्योंकि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।
3. कई चरणों में चुनाव संभव?—त्यौहार और मौसम का असर
सूत्रों के अनुसार इस बार चुनाव 2 या 3 चरणों में आयोजित हो सकता है। चुनाव आयोग दिवाली (20 अक्टूबर) और छठ पूजा (28 अक्टूबर) जैसे प्रमुख त्यौहारों पर मतदान और प्रचार-प्रसार का समय पूर्व निर्धारित कर रहा है।
इससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि राजनीतिक दल रैलियों और जनसभाओं के लिए रणनीति पहले से बना रहे हैं, ताकि मतदान के लिए उत्साह और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


4. राजनीतिक हलचल: गठबंधन, रणनीति और सीट बाँटने की तैयारी
- NDA में JD(U): सीएम नितीश कुमार की JD(U) को NDA में ‘big brother’ की भूमिका निभाने की संभावना दिखाई दे रही है।
- राजनीतिक कार्रवाइयाँ तेज़: अमित शाह की बैठक में सीट बाँटने पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन राहुल गांधी की यात्रा और विवादित टिप्पणियों ने सियासत को गर्म कर दिया।
इन रणनीतिक तैयारियाँ यह संकेत देती हैं कि बिहार की सियासत पहले से सक्रिय है, जैसे ही Bihar Assembly Election Date का ऐलान होगा, पार्टियाँ पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतार दी जाएँगी।
5. विवाद और विरोध—मतदाता संशोधन प्रक्रिया पर आरोप
- मिनी 65 लाख नाम हटाए जा रहे: ड्राफ्ट मतदाता सूची में कुल 65 लाख नामों को हटाए जाने की संभावना है, जिससे गाँव-शहर में मतदाता संशोधन पर सवाल उठ रहे हैं।
- 35.7 लाख ‘मिसिंग वोटर’: आयोग ने पाया कि लगभग 35.7 लाख मतदाता अपने रिकॉर्ड पता पर नहीं मिले; राजनीतिक दलों को उन्हें सत्यापित करने के लिए 25 जुलाई तक का समय दिया गया।
- विदेशी नागरिकों का मिलना: सर्भे में नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों के नागरिकों के मतदाता सूची में शामिल होने की आशंका से विवाद बढ़ा। भाजपा और विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए।
- दिल्ली में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन: दिल्ली में विपक्षीय नेताओं द्वारा निर्वाचन सुधार को स्टेट-संवेदनशील बताते हुए प्रदर्शन किया गया, और आरोप लगे कि यह बहुसंख्यकों को मताधिकार से वंचित कर सकता है।
इस सबका असर है कि Bihar Assembly Election Date के ऐलान से पहले ही मतदाता सूची और प्रस्तावित तारीखों पर राजनीति गरम है।
निष्कर्ष
Bihar Assembly Election Date का ऐलान अक्टूबर 2025 के पहले सप्ताह में हो सकता है, चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में आयोजित किए जाएंगे। मतदाता सूची अपडेट, राजनीतिक गठबंधन और चुनावी माहौल सभी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं। नयी वोटर लिस्ट, विरोध-विरोधाभास और गठबंधन की रणनीति मिलकर इस चुनाव को दिलचस्प बनाएंगी। तैयार रहें—बिहार राजनीति की दिशा तय होने वाली है।
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