Bareilly Lathicharge Protest 2025: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक धार्मिक और राजनीतिक संवेदनशील मामला फूटा है। मौलाना Tauqeer Raza ने “I Love Mohammad” पोस्टर लगाने पर विरोध जताने का निर्णय लिया, और धरना-प्रदर्शन कराने की घोषणा की। इसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस विरोध आंदोलन को Bareilly Lathicharge Protest 2025 नाम से देखा जा रहा है।
ITehad-e-Millat Council के प्रमुख मौलाना Tauqeer Raza ने कहा कि यह पोस्टर धर्म की भावनाओं को आहत करते हैं और इस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने “Fill the Jails” आंदोलन की धमकी भी दी है यदि पोस्टर बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
धरना-प्रदर्शन और पुलिस की प्रतिक्रिया
मौलाना ने बरेली में प्रदर्शन करने का आह्वान किया। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी और फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। भीड़ बढ़ने पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी जख्मी हुए और तनाव की स्थिति बढ़ी।
“I Love Mohammad” पोस्टर विवाद
मौलाना Tauqeer Raza ने दावा किया कि इन पोस्टरों को जगह-जगह लगाया गया है, जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की, तो वे सख्त आंदोलन करेंगे।
पोस्टर विवाद ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। कई लोग इसे धर्म विवाद खड़ा करने की कोशिश कह रहे हैं और कुछ लोग इसे धार्मिक सम्मान की रक्षा की आवाज़ बता रहे हैं।
Bareilly Lathicharge Protest 2025: सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
- घटना ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाया है।
- प्रशासन की कार्रवाई और पुलिस लाठीचार्ज को लेकर आलोचना हुई है।
- स्थानीय राजनीतिक दल इस मुद्दे को चुनावी उपयोग करने की तैयारी में हैं।
मौलाना Tauqeer Raza और उनकी भूमिका
Tauqeer Raza इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (IEMC) के प्रमुख हैं।
उनका यह प्रदर्शन और आह्वान उनके समर्थकों के बीच सकारात्मक भाव जगाने का तरीका हो सकता है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
- प्रशासन को शांतिपूर्ण प्रदर्शन और सुरक्षा बनाये रखना है
- विरोध और पुलिस कार्रवाई के बीच संतुलन बनाए रखना
- अदालत या न्यायिक हस्तक्षेप की संभावना
निष्कर्ष
“Bareilly Lathicharge Protest 2025” सिर्फ एक विवाद नहीं, यह संवेदनशील सामाजिक-राजनीतिक चुनौती है। धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन, प्रशासन की जवाबदेही और जनता की धारणा — तीनों पर असर पड़ेगा। इस घटना की परिणति आगे राजनीति और सामाजिक रिश्तों को प्रभावित करेगी।
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