Air India Crash: 2025 में एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए दर्दनाक हादसे को लेकर 15 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। इस हादसे में तकनीकी खामी के साथ-साथ पायलट की ओर से की गई कुछ गंभीर गलतियों को भी ज़िम्मेदार ठहराया गया है। हम इस रिपोर्ट के सभी मुख्य बिंदुओं, तकनीकी पहलुओं और हादसे से जुड़े घटनाक्रमों की गहराई से जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
फ्यूल स्विच एक-एक करके बंद हुए, इंजन बंद हो गया
रिपोर्ट के अनुसार, Air India फ्लाइट के उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद, दोनों फ्यूल सप्लाई स्विच (Fuel Control Switches) एक-एक कर बंद कर दिए गए, जिससे दोनों इंजन एकाएक बंद हो गए। यह किसी तकनीकी गड़बड़ी का संकेत नहीं था, बल्कि कॉकपिट के भीतर मानव त्रुटि (Human Error) का परिणाम बताया गया है।
पायलटों का संवाद और ब्लैक बॉक्स डेटा: खामोशी से भरा सच
ब्लैक बॉक्स से मिले डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से यह स्पष्ट हुआ कि पायलटों के बीच इस गंभीर परिस्थिति में भी संवाद बेहद सीमित रहा। रिपोर्ट के अनुसार, जब इंजन बंद हुए, तब न कोई अलार्म ठीक से ट्रिगर हुआ और न ही किसी ने आपातकालीन प्रतिक्रिया देने की पूरी कोशिश की।
15-पृष्ठीय रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- दोनों इंजन 5 मिनट के भीतर बंद हुए
- पायलट की ओर से स्विच बंद किया गया, अनजाने में
- कोई ऑटोमेटिक बैकअप सक्रिय नहीं हुआ
- फ्यूल वॉल्व कनेक्शन में बदलाव की जानकारी नहीं दी गई थी
- SOP (Standard Operating Procedure) को पूरी तरह फॉलो नहीं किया गया
- 6,000 फीट की ऊंचाई से विमान ने तेजी से गिरावट शुरू की
Mermaid चार्ट: हादसे की घटना-श्रृंखला


Air India Crash: क्या कहते हैं विमानन विशेषज्ञ?
एविएशन से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की दुर्घटनाएं आमतौर पर मानव त्रुटि और प्रशिक्षण की कमी से होती हैं। इस रिपोर्ट ने इस बात को और स्पष्ट किया है कि रूटीन ट्रेनिंग और क्राइसिस सिम्युलेशन की पुनर्समीक्षा बेहद ज़रूरी है।
DGCA और मंत्रालय की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इस हादसे को बेहद गंभीर मानते हुए कहा है कि सभी पायलट्स की ट्रेनिंग प्रक्रिया को फिर से मजबूत किया जाएगा। साथ ही यह भी तय किया गया है कि किसी भी विमान में मैन्युअल फ्यूल कंट्रोल प्रणाली में सुधार लाया जाएगा, ताकि ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
भविष्य में रोकथाम के उपाय
- फ्यूल सिस्टम के लिए लॉक-सेफ गार्ड लागू किया जाए
- कॉकपिट में दोहरी क्रॉस-चेक प्रणाली अनिवार्य बनाई जाए
- AI-बेस्ड ऑटो अलर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाए
- सभी फ्लाइट्स के लिए नई SOP लागू की जाएं
- पायलट्स के लिए रियल टाइम सिमुलेशन ट्रेनिंग अनिवार्य की जाए
हादसे ने देश को झकझोर दिया
यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी विफलता नहीं था, बल्कि एक सिस्टमेटिक फेलियर था, जिसमें मानवीय लापरवाही, प्रक्रियाओं की अनदेखी और तकनीक में सुधार की जरूरतें उजागर हुई हैं। इसने न केवल यात्रियों की जान ली, बल्कि भारत के एविएशन सिस्टम की नींव को भी सवालों के घेरे में ला दिया।
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