Tejashwi Yadav Raghopur Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक बार फिर राघोपुर (Raghopur) सीट चर्चा में है। यह सीट तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का गढ़ मानी जाती है और वर्तमान में वह यहाँ से विधायक हैं। हालांकि, मतगणना के शुरुआती रुझानों में तेजस्वी यादव के मामूली बढ़त बनाने या कुछ राउंड में पिछड़ने की खबरें आईं,बिहार चुनाव रिजल्ट सामने है. एनडीए प्रचंड बुहमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. अब रुझानों के अलावा रिजल्ट आने शरू हो गए हैं. सबकी नजर राघोपुर विधानसभा चुनाव परिणाम पर है जहां से महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव किस्मत आजमा रहे हैं. उनके लिए बुरी खबर ये है कि भाजपा के सतीश कुमार लगभग 2200 वोटों से आगे चल रहे हैं.
जिसने राजनीतिक गलियारों में एक पुराने सवाल को फिर से ज़िंदा कर दिया है: क्या कृष्णौत (Krishnaut) समाज (यादव उप-जाति) ने इस बार भी लालू परिवार को वोट नहीं दिया?
यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि साल 2010 में तेजस्वी यादव की माता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) को इसी राघोपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।
2010 का राघोपुर किस्सा: जब राबड़ी देवी को मिली थी हार
राघोपुर सीट पर यादव (Yadav) और राजपूत (Rajput) मतदाताओं का बड़ा प्रभाव है, लेकिन यहाँ कृष्णौत (Krishnaut) यादवों का वोट निर्णायक माना जाता है। 2010 के विधानसभा चुनाव में, लालू प्रसाद यादव ने राघोपुर और सोनपुर, दोनों सीटों से राबड़ी देवी को चुनाव लड़ाया था।
- उम्मीद: लालू परिवार को यकीन था कि राघोपुर के यादव मतदाता अपनी “बहू” को विजयी बनाएंगे।
- हार: राबड़ी देवी को राघोपुर सीट पर JDU के सतीश कुमार के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
- विश्लेषण: राजनीतिक विश्लेषकों ने तब यह निष्कर्ष निकाला था कि राबड़ी देवी को कृष्णौत समाज का पूरा समर्थन नहीं मिला। कृष्णौत यादवों ने कथित तौर पर इस सीट पर JDU उम्मीदवार का साथ दिया, जिसके कारण लालू परिवार को अपने सबसे सुरक्षित गढ़ में से एक माना जाने वाली सीट गँवानी पड़ी थी।
यह घटना लालू परिवार के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा झटका थी, जिसने राघोपुर की राजनीति में यादव समाज के भीतर के उप-जातीय समीकरणों की जटिलता को उजागर किया था।
Tejashwi Yadav Raghopur Result: क्या 2025 में फिर वही कहानी दोहराई गई?
2025 के चुनाव में तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से उम्मीदवार हैं। शुरुआती मतगणना में उनके वोटों का अंतर बहुत कम रहने या कुछ राउंड में उनके पिछड़ने के रुझानों ने 2010 के किस्से को ताज़ा कर दिया।
- शुरुआती रुझान: शुरुआती रुझानों में NDA उम्मीदवार सतीश कुमार (जो 2010 में राबड़ी देवी को हरा चुके थे) ने फिर से तेजस्वी यादव को कड़ी टक्कर दी।
- संशय: इस मामूली अंतर ने यह संशय पैदा किया कि क्या कृष्णौत और कुछ अन्य उप-जाति समूह (जो पारंपरिक रूप से RJD का हिस्सा माने जाते हैं) ने इस बार भी तेजस्वी यादव को पूरा समर्थन नहीं दिया।
- तेजस्वी की वापसी: हालांकि, जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, तेजस्वी यादव ने अपनी बढ़त मजबूत की और अपने गढ़ को सुरक्षित करने में कामयाब रहे।
Tejashwi Yadav Raghopur Result: निष्कर्ष:
राघोपुर सीट का परिणाम यह दिखाता है कि लालू परिवार के लिए यह सीट आज भी आसान नहीं है। भले ही तेजस्वी यादव अंततः जीत हासिल कर लें, लेकिन शुरुआती रुझानों में आया संघर्ष यह बताता है कि 2010 में राबड़ी देवी की हार के पीछे जो उप-जातीय समीकरण थे, वे पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं। लालू परिवार को आज भी अपने गढ़ में यादव समाज के भीतर की उप-जातीय दरारों को भरने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
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