GST Cut Dairy Products India 2025: सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर में बड़े सुधार की घोषणा की है। GST Rationalization के तहत लगभग 22 सितंबर 2025 से कई डेयरी उत्पादों की कर दरों में गिरावट होगी। बटर, घी, चीज़, कंडेन्स्ड दूध (Condensed Milk), UHT दूध (Ultra High Temperature Milk), तथा पहले से पैक्ड पनीर-चैना आदि उत्पाद अब सस्ते होंगे। इस लेख में हम जानेंगे कि कौन-सी वस्तुएँ सस्ते होंगी, नई दरें क्या होंगी, किसानों व उपभोक्ताओं दोनों को कैसे लाभ मिलेगा।
सरकार की घोषणा और नई दरें
- 56वीं GST काउंसिल की बैठक में तय किया गया कि 22 सितंबर 2025 से दूध-से जुड़े कई उत्पादों पर कर दरों में कमी की जाएगी।
- UHT दूध एवं पैकेज्ड पनीर-चैना पर GST दर 5% से घटाकर 0% (exempt) की जाएगी।
- बटर, घी, चीज़, डेयरी स्प्रेड्स आदि पर GST 12% से घटकर 5% होगी।
- आइस्क्रीम पर भी कर दर घटेगी, पहले यह 18% थी, अब इसमें भी कमी आएगी।
कौन-कॉण से उत्पाद सस्ते होंगे और कितना बचत होगी
- यदि आप UHT दूध खरीदते हैं, तो इसकी कीमत लगभग ₹3-₹4 प्रति लीटर तक कम हो सकती है।
- पनीर-चैना पर पहले की तरह टैक्स नहीं लगेगा, यानी कीमतों में सहज कमी आएगी।
- बटर/घी आदि पर टैक्स में कमी के बाद खाद्य सामग्री की कुल कीमतों पर दबाव कम होगा।
- हालांकि “पाउच दूध” जो पहले से GST-0% के दायरे में है, उसकी कीमतों में बदलाव नहीं होगा।
उपभोक्ताओं और किसानों को कैसे होगा लाभ
- उपभोक्ताओं को रोज़मर्रा की डेलीरी सामग्री सस्ते दामों पर मिलेंगी, जिससे घरेलू बजट पर दबाव कम होगा।
- किसानों और डेयरी व्यवसाय को भी फायदा होगा: कम टैक्स दर से प्रोसेसिंग लागत कम होगी, जिससे उनको मार्जिन लाभ हो सकता है।
- संगठित डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी, क्योंकि कम टैक्स से असंगठित और मिल्क-मैकेनिकल उत्पादों पर भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
GST Cut Dairy Products India 2025: निगरानी और पालन-पोषण
- वित्त मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है कि CGST क्षेत्रों द्वारा 54 सामान्य उपयोग की वस्तुओं की मूल्य-परिवर्तन की निगरानी की जाए ताकि यह सुनिश्चित हो कि छोटे विक्रेता भी नई दरों को सही तरीके से लागू करें।
- CBIC (Central Board of Indirect Taxes & Customs) महीने-महीने MRP रिपोर्ट मांगेगा ताकि शासन यह देख सके कि टैक्स दरों में कमी का लाभ सीधा उपभोक्ता तक पहुँच रहा है।
संभावित चुनौतियां और चेतावनियाँ
- कुछ क्षेत्रीय या छोटे विक्रेता नई कीमतों को तुरंत नहीं ला पाएँगे क्योंकि उनका स्टॉक पहले के दर पर हो सकता है।
- परिवहन लागत, वितरण खर्च आदि अन्य घटक इससे प्रभावित रहे सकते हैं, जिससे पूरी तरह समान बचत न हो।
- उपभोक्ताओं को यह ध्यान देना होगा कि पैकेजिंग, ब्रांड और प्रीमियम उत्पादों पर अतिरिक्त लागत बनी रहे सकती है।
निष्कर्ष
22 सितंबर से लागू होने वाली ये GST दरों में कटौती डेयरी उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत लेकर आएगी। बटर, घी, चीज़ और UHT दूध जैसी चीज़ों पर टैक्स कम होना स्वीकार्य बदलाव है। यदि इस नीति को सही प्रकार से लागू किया जाए, तो यह दैनिक खर्चों में कमी और जीवन स्तर में सुधार की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
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