Vice President Election Result 2025: भारत के लोकतंत्र में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव एक अहम प्रक्रिया है। 9 सितंबर 2025 को देशभर की नजरें संसद भवन पर टिकी थीं, क्योंकि इसी दिन देश को नया उपराष्ट्रपति मिलने वाला था। देश के अगले उपराष्ट्रपति के नाम का ऐलान आज हो गया। आज सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया। जिसके बाद शाम 6 बजे के वोटों की गिनती हुई, जहां एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को विजेता घोषित किया गया।
उपराष्ट्रपति का पद और उसकी भूमिका
भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति की भूमिका
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार, देश में एक उपराष्ट्रपति होना आवश्यक है।
राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और ऊपरी सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है।
Vice President Election Result 2025: – एक नजर
चुनाव की तारीख और प्रक्रिया
यह चुनाव 9 सितंबर 2025 को संसद भवन में संपन्न हुआ।
चुनाव आयोग की तैयारी
चुनाव आयोग ने मतदान की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष सुनिश्चित की।
उम्मीदवार कौन-कौन थे?
सी. पी. राधाकृष्णन
एनडीए (NDA) की ओर से सी. पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया गया।
बी. सुदर्शन रेड्डी
विपक्षी गठबंधन (INDIA ब्लॉक) ने पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रत्याशी घोषित किया।
मतदान प्रक्रिया और विधि
सांसदों द्वारा मतदान
केवल सांसदों को मतदान का अधिकार होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं।
गुप्त मतदान प्रणाली
इस चुनाव में गुप्त मतदान होता है ताकि सांसद अपनी राय स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें।
2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम
9 सितंबर को हुए मतदान के बाद वोटों की गिनती पूरी हुई और सी. पी. राधाकृष्णन ने स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज की।
विजेता का ऐलान
चुनाव अधिकारी ने सी. पी. राधाकृष्णन को भारत का नया उपराष्ट्रपति घोषित किया।
कितने वोट किसे मिले?
- सी. पी. राधाकृष्णन – 510 वोट
- बी. सुदर्शन रेड्डी – 280 वोट
संसद भवन का माहौल
विजय की घोषणा होते ही संसद भवन तालियों से गूंज उठा।
विजेता की पृष्ठभूमि और राजनीतिक सफर
शिक्षा और शुरुआती जीवन
सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु में हुआ और उन्होंने अपनी शिक्षा वहीं से पूरी की।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
वे लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े रहे और संगठन में कई अहम पदों पर रहे।
प्रमुख उपलब्धियां
उन्होंने विभिन्न राज्यों में पार्टी संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
विपक्ष और सत्ता पक्ष की रणनीति
चुनाव प्रचार में किन मुद्दों पर जोर
सत्ता पक्ष ने विकास और स्थिरता को मुद्दा बनाया, जबकि विपक्ष ने न्यायपालिका और लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती पर जोर दिया।
दलों की एकजुटता और समीकरण
एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत था, वहीं विपक्षी दल एकजुटता की कमी से जूझते दिखे।
इस चुनाव के खास पहलू
मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका
टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर चुनाव की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी।
जनता की उत्सुकता
लोग ट्विटर और फेसबुक पर लगातार लाइव अपडेट्स साझा कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का असर
केंद्र सरकार पर प्रभाव
सरकार को एक मजबूत और सहयोगी उपराष्ट्रपति मिला, जिससे संसद की कार्यवाही सुचारू रहने की संभावना बढ़ी।
विपक्ष की स्थिति
इस नतीजे ने विपक्ष को और आत्ममंथन करने पर मजबूर किया।
ऐतिहासिक तुलना
पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों से तुलना
इस चुनाव में भी सत्ता पक्ष की मजबूती साफ दिखी, जैसे पहले कई बार हुआ है।
उपराष्ट्रपतियों का योगदान
भारत के उपराष्ट्रपतियों ने हमेशा संविधान और लोकतंत्र की मजबूती में अहम भूमिका निभाई है।
जनता की प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर बधाइयाँ और प्रतिक्रियाएँ
लोगों ने सी. पी. राधाकृष्णन को शुभकामनाएँ दीं और उन्हें “योग्य नेता” बताया।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार यह नतीजा पहले से तय माना जा रहा था।
आगे का रास्ता
उपराष्ट्रपति की प्राथमिक चुनौतियाँ
राज्यसभा को सुचारू रूप से चलाना और विपक्ष-सत्ता पक्ष में संतुलन बनाए रखना उनकी पहली चुनौती होगी।
संसद की कार्यवाही में भूमिका
संसद के ऊपरी सदन में उपराष्ट्रपति की भूमिका अहम रहने वाली है।
निष्कर्ष
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का नतीजा भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। सी. पी. राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति चुना जाना न केवल एनडीए की जीत है, बल्कि यह संसद में स्थिरता और बेहतर समन्वय की उम्मीद भी जगाता है।
FAQs
Q1: भारत के नए उपराष्ट्रपति कौन बने हैं?
सी. पी. राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति बने हैं।
Q2: उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
लोकसभा और राज्यसभा के सांसद उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
Q3: 2025 के चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार कौन थे?
विपक्ष की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार थे।
Q4: उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है।
Q5: उपराष्ट्रपति राज्यसभा में क्या भूमिका निभाते हैं?
वे राज्यसभा के सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही संचालित करते हैं।
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