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Teachers Eligibility Test: सुप्रीम कोर्ट फैसला, सभी शिक्षकों के लिए यह पास करना अनिवार्य

Teachers Eligibility Test

Teachers Eligibility Test: सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा जगत में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जो देश भर के शिक्षकों को प्रभावित करेगा। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि Teachers Eligibility Test (TET) पास करना न केवल नई नियुक्तियों के लिए बल्कि सेवारत शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य है।

Teachers Eligibility Test: नए नियम क्या कहते हैं?

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, जिन शिक्षकों की नियुक्ति Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 (RTE Act) के लागू होने से पहले हुई थी और जिनके पास पांच साल से अधिक सेवा शेष है, उन्हें अगले दो साल के भीतर Teachers Eligibility Test पास करना होगा।

यदि कोई शिक्षक इस समयसीमा के भीतर TET पास नहीं करता है, तो उसे या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी या अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, ऐसे मामलों में शिक्षकों को उनके सभी टर्मिनल बेनिफिट्स जैसे ग्रेच्युटी और पेंशन प्राप्त होंगे।

वरिष्ठ शिक्षकों को राहत

अच्छी खबर यह है कि जिन शिक्षकों के सेवानिवृत्ति तक पांच साल से कम समय बचा है, उन्हें Teachers Eligibility Test देने की आवश्यकता नहीं होगी। ये शिक्षक सामान्य प्रक्रिया के अनुसार अपनी सेवा पूरी कर सकते हैं।

अल्पसंख्यक संस्थानों को अस्थायी छूट

सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को अस्थायी राहत प्रदान की है। इन संस्थानों पर Teachers Eligibility Test की अनिवार्यता तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि एक बड़ी पीठ इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं सुनाती कि RTE Act अल्पसंख्यक स्कूलों पर लागू होता है या नहीं।

ओडिशा सरकार का रुख

ओडिशा के स्कूल और मास एजुकेशन मंत्री नित्यानंद गोंद ने कहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की समीक्षा करेगी और शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। चूंकि ओडिशा में कई शिक्षक Odisha Teachers Eligibility Test (OTET) पास किए बिना सेवा कर रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार विशेष TET परीक्षाओं का आयोजन करने की योजना बना रही है।

Teachers Eligibility Test का महत्व

Teachers Eligibility Test भारत में प्राथमिक शिक्षकों के लिए अनिवार्य योग्यता है, जो कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता का काम करती है। यह परीक्षा सरकारी और कुछ निजी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक है

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने 29 जुलाई 2011 को स्पष्ट किया था कि देशभर में शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए TET पास करना अनिवार्य होगा.

शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया

विभिन्न शिक्षक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि Teachers Eligibility Test की शर्त केवल नई भर्तियों पर लागू की जाए, पुराने शिक्षकों पर नहीं। उनका कहना है कि जो शिक्षक 2011 से पहले नियुक्त हुए थे, उस समय TET की कोई आवश्यकता नहीं थी।

व्यावहारिक चुनौतियां और राज्य सरकारों की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बावजूद, Teachers Eligibility Test के कार्यान्वयन में कई व्यावहारिक समस्याएं हैं। कई राज्यों में हजारों शिक्षक बिना TET के सेवा कर रहे हैं, और उन्हें दो साल के भीतर परीक्षा पास करने का दबाव है। राज्य सरकारों को अब विशेष कोचिंग कार्यक्रम और अतिरिक्त परीक्षा केंद्र स्थापित करने होंगे ताकि सेवारत शिक्षकों को पर्याप्त अवसर मिल सके। इसके अतिरिक्त, वेतन में कटौती या अस्थायी निलंबन जैसी स्थितियों से बचने के लिए शिक्षकों को तत्काल तैयारी शुरू करनी होगी।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

यह फैसला National Education Policy (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुकूल है, जो शिक्षा में गुणवत्ता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है। Teachers Eligibility Test न केवल शिक्षकों की pedagogical skills की जांच करता है बल्कि यह सुनिश्चित भी करता है कि child psychology और modern teaching methods की समझ रखने वाले शिक्षक ही कक्षा में पढ़ाएं। दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में, यह नीति प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएगी और भारत को वैश्विक शिक्षा मानकों के करीब ले जाएगी। हालांकि यह एक कठिन संक्रमणकाल होगा, लेकिन भविष्य की पीढ़ियों को इसका लाभ अवश्य मिलेगा।

निष्कर्ष

यह फैसला भारतीय शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि यह कई सेवारत शिक्षकों के लिए चुनौती भरा है, लेकिन लंबे समय में यह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। शिक्षकों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते Teachers Eligibility Test की तैयारी शुरू कर दें और अपने राज्य की TET परीक्षाओं की जानकारी रखें।

यह फैसला शिक्षा जगत में एक नया मोड़ है और सभी हितधारकों को इसके अनुसार अपनी रणनीति बनानी होगी।

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