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Diwali 2025: जानिए कब है दिवाली, और क्या है पूजा का सही मुहर्त

Diwali 2025

Diwali 2025 दिवाली, या दीपावली, भारत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञानता पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ये पर्व हर उम्र, धर्म और वर्ग के लोगों को एक साथ लाता है। चलिए जानते हैं कि दिवाली 2025 में खास क्या होने वाला है और कैसे आप इसे और भी सुंदर बना सकते हैं।

Diwali क्या है?

दिवाली का अर्थ

‘दीपावली’ संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है – दीपों की पंक्ति। यह पर्व रात्रि को दीयों से सजाकर अंधकार को दूर करने का संदेश देता है।

इसका पौराणिक महत्व

भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में यह पर्व मनाया गया था। इसी दिन अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

Diwali 2025 की तारीख और पंचांग

2025 में दिवाली कब है?

2025 में मुख्य दिवाली 21 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। अमावस्या की रात को लक्ष्मी पूजन होता है।

Diwali 2025

अमावस्या और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

  • लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 6:10 से 8:30 बजे तक (स्थानीय पंचांग अनुसार)
  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर रात 10:35 से
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर रात 11:50 तक

दिवाली का ऐतिहासिक महत्व

रामायण से जुड़ी कथा

भगवान राम ने रावण का वध कर जब अयोध्या वापसी की, तो पूरे नगर को दीपों से सजाया गया था।

महाभारत से संबंध

कहा जाता है कि पांडवों की 13 वर्षों की वनवास यात्रा के बाद उन्होंने भी दिवाली के दिन ही वापसी की थी।

अन्य ऐतिहासिक कथाएँ

भगवान विष्णु ने इसी दिन नरकासुर का वध किया था और 16,000 कन्याओं को मुक्त किया था।

Diwali 2025 के पांच दिन

धनतेरस (19 अक्टूबर)

इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है। लोग बर्तन और सोने-चांदी की वस्तुएं खरीदते हैं।

नरक चतुर्दशी (20 अक्टूबर)

इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन नरकासुर वध की खुशी मनाई जाती है।

मुख्य दिवाली (21 अक्टूबर)

लक्ष्मी पूजन, दीप सज्जा, मिठाइयाँ और खुशियाँ – सब इसी दिन चरम पर होती हैं।

गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर)

कृष्ण भगवान द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा इस दिन मनाई जाती है।

भाई दूज (23 अक्टूबर)

बहनें अपने भाइयों के लिए तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

घर की सफाई और सजावट

दिवाली से पहले पूरे घर की साफ-सफाई होती है। दीवारों की रंगाई-पुताई, रंगोली, लाइट्स, और फूलों से सजावट की जाती है।

दीप जलाने की परंपरा

हर घर के आँगन, बालकनी, छत और मंदिरों में दीये जलाए जाते हैं जो बुराई के अंधकार को दूर करने का प्रतीक होते हैं।

दिवाली की पूजा विधि

लक्ष्मी-गणेश पूजन का तरीका

  • चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखें
  • उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें
  • चावल, रोली, फूल, मिठाई से पूजन करें
  • लक्ष्मी माता को चढ़ावा चढ़ाएं – विशेषतः कमल फूल, मखाने और सिक्के

आवश्यक सामग्री

घी के दीपक, धूपबत्ती, कपूर, मिठाई, पंचामृत, अक्षत, नारियल, सिंदूर, गुलाल, नई बही-खाता आदि।

दिवाली के दौरान खान-पान

मिठाइयाँ और पकवान

  • लड्डू, गुलाब जामुन, बर्फी, काजू कतली
  • नमकीन आइटम्स – मठरी, चकली, शंकरपाळा
  • ड्रायफ्रूट्स का ट्रेंड भी खूब बढ़ा है

सेहत और सावधानी

त्योहार में स्वाद से समझौता न करें लेकिन फूड पॉइज़निंग से बचने के लिए घर की बनी चीज़ें खाएँ।

दिवाली के पर्यावरणीय प्रभाव

पटाखों की समस्या

प्रदूषण, जानवरों की परेशानी और बुजुर्गों की तकलीफ को ध्यान में रखते हुए पटाखों से बचना चाहिए।

इको-फ्रेंडली दिवाली कैसे मनाएँ?

  • मिट्टी के दीये जलाएं
  • रीसायकल डेकोरेशन का उपयोग करें
  • डिजिटल ग्रीटिंग्स भेजें

दिवाली पर गिफ्ट देने की परंपरा

घरवालों और दोस्तों के लिए गिफ्ट आइडियाज़

  • डेकोर आइटम्स, मिठाई बॉक्स, डायरियां, इलेक्ट्रॉनिक्स, पूजा सेट्स

ऑफिस गिफ्ट्स

  • कस्टम कॉर्पोरेट हैंपर, गिफ्ट कार्ड्स, सूखे मेवे

बच्चों के लिए दिवाली क्यों खास है?

  • नई ड्रेस, रंगोली बनाना, मिठाई खाना और फुलझड़ियाँ जलाना – बच्चों के लिए ये सब जादुई होता है।

दिवाली और भारतीय अर्थव्यवस्था

  • यह त्योहार भारत के लिए बड़ा आर्थिक बूस्टर होता है – रिटेल, गोल्ड, ऑटोमोबाइल, टेक और डेकोर सेक्टर में रिकॉर्ड बिक्री होती है।

दिवाली से जुड़ी मान्यताएं और अंधविश्वास

  • झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए
  • रात को कंघी नहीं करनी चाहिए
  • दीपक की लौ से खेलना अशुभ माना जाता है

दिवाली पर यात्रा और पर्यटन

  • बनारस में घाटों की दिवाली, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, जयपुर की सजावट – घूमने वालों के लिए सौगात

Diwali 2025 के लिए तैयारियाँ अभी से कैसे शुरू करें?

  • बजट बनाएं
  • लिस्ट बनाएं
  • सेल और ऑफर्स पर नज़र रखें

निष्कर्ष

दिवाली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि संस्कारों, प्रेम और सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है। दिवाली 2025 को आप पूरी तैयारी के साथ मनाएं – रोशनी भी फैले, सुख भी बढ़े और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।

FAQs

1. दिवाली 2025 में कौन-कौन सी तिथियाँ महत्वपूर्ण हैं?
→ 19 से 23 अक्टूबर तक पांच दिवसीय पर्व मनाया जाएगा।

2. क्या दिवाली सिर्फ हिंदुओं का त्योहार है?
→ नहीं, यह सभी धर्मों और समुदायों द्वारा समान उत्साह से मनाया जाता है।

3. दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का सही समय क्या है?
→ शाम के समय प्रदोष काल और स्थिर लग्न में पूजा करना शुभ माना जाता है।

4. दिवाली में कौन-कौन सी मिठाइयाँ प्रसिद्ध हैं?
→ लड्डू, बर्फी, गुलाब जामुन, काजू कतली सबसे लोकप्रिय हैं।

5. दिवाली को पर्यावरण के अनुकूल कैसे बना सकते हैं?
→ मिट्टी के दीये, नो-पटाखे, और रीसायकल सजावट का उपयोग करें।