Microsoft ने नया AI सिस्टम MAI Diagnostic Orchestrator (MAI‑DxO) लॉन्च किया है, जो 304 जटिल केसों में 85.5% तक सटीकता के साथ बीमारी पहचान सकता है—जबकि मानव डॉक्टरों की सटीकता सिर्फ 20% रही (businessinsider.com)। यह सिस्टम OpenAI की GPT, Google Gemini और Anthropic Claude जैसे मॉडल्स को एक वर्चुअल मेडिकल पैनल की तरह उपयोग करता है (wired.com)। साथ ही, यह महंगे मेडिकल टेस्ट को भी लगभग 20–25% तक कम कर सकता है ।
कैसे काम करता है यह AI?
MAI‑DxO एक “चेन-ऑफ-डिबेट” प्रक्रिया का पालन करता है—जहाँ एक AI मॉडल संभावनाएँ पहचानता है, दूसरा टेस्ट सुझाव देता है, एक तिहरा लागत बचत सुनिश्चित करता है, और एक चार चरण में क्वालिटी चेक करता है (dig.watch)। इस ट्रांजिशनल, स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया से यह एक सुलझी हुई कार्ययोजना तैयार करता है, बिलकुल डॉक्टरों की तरह, लेकिन तेज़ी और कम खर्च में।


भविष्य क्या कहता है?
- अभी AI क्लीनिक में इस्तेमाल के लिए तैयार नहीं, कई क्लिनिकल ट्रायल और रीकग्निशन बाकी हैं।
- Microsoft इसे Bing और Copilot जैसे प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेट करने का विकल्प देख रहा है।
- डेटा सिक्योरिटी, एथिकल कांसरन्स और मानव डॉक्टर की भूमिका अभी भी महत्वपूर्ण होगी ।
क्या यह डॉक्टरों की जगह लेगा?
इस AI को डॉक्टरों का पूरक कहा जा सकता है, न कि प्रतिस्थापित। यह जटिल केस में शुरुआती डाइग्नोसिस करने में मदद करेगा, जिससे डॉक्टरों का समय और ऊर्जा बची रहेगी ।
डॉक्टरों की मानवीय समझ, मरीज की भावना और नैतिक निर्णय हमेशा ज़रूरी रहेंगे।
सावधानियाँ और चुनौतियाँ
- क्लिनिकल ट्रायल की आवश्यकता
- टेस्ट‑टेस्ट में सटीकता
- एडियोलॉजिकल और टेक्निकल बायस की सम्भावनाएँ
- डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी मुद्दे
निष्कर्ष
Microsoft का MAI‑DxO एक बड़े चिकित्सा बदलाव की दिशा में कदम है—80%+ सटीकता, कम लागत और तेज निर्णय क्षमता के साथ। लेकिन अभी यह एक शोध-आधारित विकल्प है। अगले कुछ वर्षों में इसकी सफलता क्लीनिकल प्लेसमेंट, रेगुलेटर मंजूरी और डॉक्टर‑AI साझेदारी पर निर्भर करेगी।