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Rishabh Pant के 6 विदेशी टेस्ट शतक, फिर भी टीम क्यों नहीं जीत पाई एक भी मैच?

Rishabh Pant

भारतीय क्रिकेट के तेजतर्रार विकेटकीपर और बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) टेस्ट फॉर्मेट में अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। खासतौर पर विदेशी धरती पर उन्होंने जिस अंदाज़ में गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ाई हैं, वो किसी भी प्रशंसक को रोमांचित कर देता है।

लेकिन एक हैरान कर देने वाला आंकड़ा भी है जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगा—अब तक जब-जब ऋषभ पंत ने विदेश में टेस्ट सेंचुरी (Rishabh Pant Test Century) लगाई है, भारत उन मैचों में जीत दर्ज नहीं कर पाया। यह सवाल उठता है: क्या ये सिर्फ एक संयोग है या कुछ और?

इन 6 टेस्ट शतकों में भारत को न तो लगातार जीत मिली और न ही सभी मैचों में सकारात्मक नतीजे आए। कुछ मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा, जबकि कुछ ड्रॉ रहे। यह ट्रेंड क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों दोनों के लिए एक पहेली बन गया है — आखिर क्यों ऋषभ पंत की इतनी शानदार पारियों के बावजूद भी टीम इंडिया इन मुकाबलों को अपने नाम नहीं कर पाई?

वो मैच जहाँ पंत ने लगाया शतक और भारत नहीं जीत सका?

ऋषभ पंत ने अब तक विदेशी ज़मीन पर 3 टेस्ट शतक लगाए हैं। आइए एक नज़र डालते हैं इन खास पारियों पर:

1. इंग्लैंड बनाम भारत – द ओवल टेस्ट, 2018

  • ऋषभ पंत का स्कोर: 114 रन (146 गेंदों में)
  • मैच परिणाम: भारत को हार
  • यह पंत का पहला टेस्ट शतक था और वह भी विदेशी ज़मीन पर। उन्होंने इंग्लैंड में इंग्लैंड के ही गेंदबाज़ों के खिलाफ दमदार बल्लेबाज़ी की, लेकिन पूरी टीम का प्रदर्शन फीका पड़ा और भारत को हार मिली।
Rishabh Pant

2. ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत – सिडनी टेस्ट, 2019

  • ऋषभ पंत का स्कोर: 159* रन (189 गेंदों में)
  • मैच परिणाम: ड्रॉ
  • इस टेस्ट में पंत ने शानदार नाबाद पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मजबूत स्कोर खड़ा किया। हालांकि, बारिश और समय की कमी के कारण मैच ड्रॉ रहा। भारत जीता नहीं, लेकिन इस सीरीज को 2-1 से जरूर जीता था।

3. इंग्लैंड बनाम भारत – एजबेस्टन टेस्ट, 2022

  • ऋषभ पंत का स्कोर: 146 रन (111 गेंदों में)
  • मैच परिणाम: भारत को हार
  • यह पारी तकनीकी और ताकत दोनों का मेल थी। पंत ने मुश्किल हालात में टीम को संभाला लेकिन बाकी बल्लेबाज़ों का साथ न मिल पाने के कारण भारत यह मुकाबला हार गया।
Rishabh Pant

क्या यह सिर्फ संयोग है?

ऋषभ पंत के इन तीनों विदेशी शतकों को देखने के बाद एक पैटर्न समझ आता है – जब भी उन्होंने शतक मारा है, तब टीम या तो संघर्ष कर रही थी या पहले से बैकफुट पर थी। उनके शतक डैमेज कंट्रोल मोड में आते हैं – मतलब जब बाकी बल्लेबाज़ फ्लॉप हो चुके होते हैं, तब पंत अकेले टीम को खींचते हैं।

एक्सपर्ट्स की क्या राय है?

क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • पंत की पारियां व्यक्तिगत रूप से मैच जिताऊ हो सकती हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में टीम परफॉर्मेंस सबसे जरूरी होता है।
  • गेंदबाज़ी, फील्डिंग और दूसरे बल्लेबाज़ों का योगदान भी जरूरी होता है।
  • जब बाकी 10 खिलाड़ी ठीक से नहीं खेलते, तो पंत का शतक भी नाकाफी हो जाता है।
Rishabh Pant

क्या भविष्य में यह ट्रेंड टूटेगा?

ऋषभ पंत अभी अपने करियर के सुनहरे दौर में हैं। चोट के बाद उनकी वापसी भी शानदार रही है। यदि टीम का बैलेंस सही बना रहा और सभी खिलाड़ी एकजुट होकर प्रदर्शन करते हैं, तो ये ट्रेंड बदल सकता है।

  • भारत के आने वाले विदेशी दौरों में पंत की भूमिका और भी अहम होगी।
  • अगर वो शतक लगाते हैं और टीम भी संगठित प्रदर्शन करती है, तो भारत ऐसे मैच जीत सकता है।