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Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक समीकरण बनता नजर आ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अब अपनी नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज़’ (AASA) के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं। वहीं, चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर पहले ही अपनी पार्टी ‘जन सुराज पार्टी’ (JSP) के जरिए हर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
अब खबर है कि ये दोनों नेता 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में एकसाथ मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को पटना में दोनों नेता एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, जहां इस संभावित गठबंधन या विलय की औपचारिक घोषणा हो सकती है।
आरसीपी सिंह का नया सियासी कदम: ‘आप सबकी आवाज़’
आरसीपी सिंह ने JDU से अलग होकर अक्टूबर 2024 में अपनी नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज़’ की शुरुआत की। पार्टी के गठन के साथ ही सिंह ने यह साफ कर दिया था कि वे राज्य में बदलाव की राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी 243 में से 140 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
आरसीपी सिंह ने बिहार में शराबबंदी कानून की कड़ी आलोचना की थी। उनका कहना है कि इस कानून से राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो रहा है और यह कानून अब आम जनता पर बोझ बन चुका है। वे विकास, रोजगार और सुशासन को अपना मुख्य एजेंडा बता चुके हैं।
प्रशांत किशोर की रणनीति: हर सीट पर लड़ेंगे चुनाव
प्रशांत किशोर, जिन्हें पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता था, अब पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं। उन्होंने भी अक्टूबर 2024 में ‘जन सुराज पार्टी’ का गठन किया। किशोर ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी 2025 में बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।


उनकी पार्टी का नारा है – “जनता के साथ गठबंधन।” किशोर का मानना है कि पारंपरिक राजनीतिक दल जनता से कट चुके हैं, और बिहार की जनता एक ईमानदार और पारदर्शी विकल्प चाहती है।
क्या होगा जब दो नए राजनीतिक चेहरे एकसाथ आएंगे?
यदि आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर का गठबंधन होता है, तो यह बिहार की राजनीति में एक तीसरा मोर्चा बनने की संभावना पैदा करता है। यह गठबंधन न सिर्फ NDA और INDIA गठबंधन को चुनौती देगा, बल्कि JDU और RJD जैसे पुराने दलों के वोट बैंक में भी सेंध लगा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों नेताओं की साफ-सुथरी छवि, प्रशासनिक अनुभव और जनता से जुड़ाव, उन्हें अन्य दलों से अलग पहचान दिला सकता है। यह गठबंधन खासकर युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के बीच अपनी पकड़ बना सकता है।
जनता की नजरें टिकीं नई जोड़ी पर
बिहार की जनता अब पारंपरिक पार्टियों से हटकर नई राजनीतिक संभावनाओं की ओर देख रही है। आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर, दोनों की अलग-अलग क्षेत्रों में पकड़ और अनुभव, उन्हें एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। युवा मतदाता, जो बदलाव चाहता है लेकिन स्थायित्व भी खोज रहा है, उसके लिए यह जोड़ी एक नई उम्मीद बन सकती है। यदि यह गठबंधन धरातल पर उतरता है, तो यह बिहार की सियासत में एक ऐतिहासिक प्रयोग साबित हो सकता है।
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में नया अध्याय?
बिहार चुनाव 2025 अब सिर्फ NDA बनाम INDIA गठबंधन की लड़ाई नहीं रहने वाली। अगर आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर एकसाथ आते हैं, तो यह राज्य की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है।
संभावित गठबंधन की घोषणा से पहले ही दोनों नेताओं की राजनीतिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। अब देखना यह है कि रविवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या नई तस्वीर सामने आती है।
बिहार में सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी, यह गठबंधन तय कर सकता है।