पीएम मोदी भारत सरकार ने तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश में देश की छठी सेमीकंडक्टर निर्माण यूनिट को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। यह यूनिट उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
सेमीकंडक्टर क्या है और क्यों है खास?
सेमीकंडक्टर चिप्स का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, टेलीविज़न, कार, और रक्षा उपकरणों सहित तमाम तकनीकी उपकरणों में होता है। भारत अभी भी इन चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। लेकिन अब इस नई यूनिट की मंजूरी के साथ भारत इस निर्भरता को खत्म करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा चुका है।
उत्तर प्रदेश को मिलेगा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब का दर्जा
सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश को देश का अगला बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाए। इस यूनिट के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा, या यमुना एक्सप्रेसवे जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा सकती है। इस प्रोजेक्ट से प्रदेश में हज़ारों युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे और निवेशकों का भी रुझान बढ़ेगा।
मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
यह कदम भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी महत्वपूर्ण पहलों को मजबूती प्रदान करेगा। केंद्र सरकार का फोकस अब उन क्षेत्रों पर है जो देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बना सकें और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ा सकें।
चीन को मिला करारा जवाब
भारत सरकार का यह फैसला सीधे तौर पर चीन को एक कड़ा संदेश देता है। अब भारत न केवल अपने लिए चिप्स बनाएगा, बल्कि उन्हें एक्सपोर्ट करने की दिशा में भी काम करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इस कदम से चीन का एकाधिकार कमजोर होगा और वैश्विक टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन में भारत की पकड़ मजबूत होगी।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
यह प्रोजेक्ट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। अनुमान है कि इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बन पाएगा। इसके अलावा, इस फैसले से विदेशी कंपनियों का भारत में निवेश करने का भरोसा भी बढ़ेगा।
सरकार की रणनीति स्पष्ट
सरकार की नीति स्पष्ट है – “भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना और हर क्षेत्र में चीन को टक्कर देना”। यूपी में यह यूनिट इस नीति का हिस्सा है, जिससे केंद्र सरकार का विजन साफ दिखाई देता है।
निष्कर्ष:
मोदी सरकार का यह कदम न केवल भारत को तकनीकी क्षेत्र में मजबूत बनाएगा, बल्कि चीन जैसे देशों को कड़ी चुनौती भी देगा। सेमीकंडक्टर यूनिट की मंजूरी से भारत का भविष्य और भी उज्जवल दिखाई देता है।











