Colonel Sophia Qureshi: कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मीडिया ब्रीफिंग में प्रमुख भूमिका निभाई। उनकी यह उपलब्धि भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है।
कर्नल सोफिया कुरैशी की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
गुजरात के वडोदरा में जन्मी सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएशन किया है। उन्होंने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई से कमीशन प्राप्त किया। उनका परिवार सैन्य पृष्ठभूमि से है; उनके दादा भारतीय सेना में सेवा कर चुके हैं, और उनके पति मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं।
अंतरराष्ट्रीय मिशन और उपलब्धियां
2006 में, कर्नल सोफिया ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में सेवा दी, जहां उन्होंने संघर्ष क्षेत्रों में सीज़फायर की निगरानी और मानवीय सहायता में योगदान दिया। 2016 में, उन्होंने ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय सेना के दल का नेतृत्व किया, जो कि भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास था। इस अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया, और कर्नल सोफिया एकमात्र महिला कमांडर थीं।


‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नेतृत्व
2025 में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। कर्नल सोफिया ने इस ऑपरेशन के बाद मीडिया को ब्रीफ किया, जिसमें उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
प्रेरणा और संदेश
कर्नल सोफिया का मानना है कि भारतीय सेना में महिलाओं के लिए समान अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने युवतियों को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए कहा, “यदि संभव हो, तो भारतीय सेना में शामिल हों।” उनकी यह सोच भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व की ओर संकेत करती है।
निष्कर्ष
कर्नल सोफिया कुरैशी का सैन्य जीवन प्रेरणादायक है। उनकी उपलब्धियां न केवल भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को सशक्त करती हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा में उनके योगदान को भी दर्शाती हैं।










