Russia Victory Day 2025: 9 मई 2025 को रूस ने विक्ट्री डे की 80वीं वर्षगांठ मनाई, जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की स्मृति में आयोजित होता है। इस वर्ष का आयोजन यूक्रेन संघर्ष, अंतरराष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति और इतिहास की पुनर्व्याख्या के बीच हुआ।
Russia Victory Day 2025 का महत्व
रूस में विक्ट्री डे सबसे महत्वपूर्ण गैर-धार्मिक अवकाश है, जो सोवियत संघ की नाजी जर्मनी पर जीत की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन सोवियत सैनिकों और नागरिकों की बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने ‘महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध’ में भाग लिया था। हालांकि, पश्चिमी देशों में यह दिवस 8 मई को ‘विक्ट्री इन यूरोप डे’ के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि नाजी जर्मनी ने 7 मई 1945 को आत्मसमर्पण किया था, जिसे 8 मई को स्वीकार किया गया था।
मास्को परेड और सुरक्षा चिंताएं
मास्को के रेड स्क्वायर में आयोजित परेड में रूस की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया गया, जिसमें टैंक, मिसाइल और सैनिकों की टुकड़ियों ने भाग लिया। हालांकि, यूक्रेन द्वारा ड्रोन हमलों के कारण सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई थीं। इन हमलों के चलते मास्को के चारों प्रमुख हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। इसके अलावा, क्रीमिया के सेवस्तोपोल में परेड को सुरक्षा कारणों से रद्द कर दिया गया।


अंतरराष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति
इस वर्ष के विक्ट्री डे समारोह में 29 विश्व नेताओं ने भाग लिया, जिनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा शामिल थे। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस द्वारा प्रस्तावित 3-दिवसीय युद्धविराम को अस्वीकार कर दिया, जिससे समारोह के दौरान तनाव बना रहा।
इतिहास की पुनर्व्याख्या
रूस के विक्ट्री डे समारोहों में सोवियत संघ की भूमिका को प्रमुखता दी जाती है, जबकि पश्चिमी सहयोगियों की भूमिका को कम आंका जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि यह इतिहास की एकतरफा व्याख्या है, जो वर्तमान राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की जाती है।
निष्कर्ष
रूस का विक्ट्री डे 2025 समारोह एक ओर जहां इतिहास की स्मृति है, वहीं यह वर्तमान राजनीतिक और सैन्य परिस्थितियों का भी प्रतिबिंब है। यूक्रेन संघर्ष, अंतरराष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति और इतिहास की पुनर्व्याख्या ने इस वर्ष के आयोजन को विशेष बना दिया।