चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में मां दुर्गा की आराधना का विशेष पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रत्येक देवी को विशेष भोग अर्पित करने से भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के नौ दिनों में कौन-से भोग अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को क्या लाभ मिलता है।
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पहला दिन: मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री नवरात्रि की प्रथम देवी हैं। उन्हें गाय का घी अत्यंत प्रिय है। पूजा में उन्हें गाय के घी का भोग अर्पित करने से भक्तों को आरोग्य और रोगों से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है।
दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दौरान उन्हें शक्कर या मिश्री का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इससे दीर्घायु और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बने मिठाइयाँ, जैसे खीर या रबड़ी, अत्यंत प्रिय हैं। इनका भोग लगाने से भक्तों को कीर्ति और सम्मान प्राप्त होता है, साथ ही धन-संपदा में वृद्धि होती है।
चौथा दिन: मां कूष्मांडा
मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग अर्पित करना शुभ होता है। यह भोग बुद्धि और निर्णय क्षमता को बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
पांचवा दिन: मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए। इससे अच्छे स्वास्थ्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
छठा दिन: मां कात्यायनी
मां कात्यायनी को शहद का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे भक्तों को सुख और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
सातवां दिन: मां कालरात्रि
मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए। इससे रोगों और शोकों से मुक्ति मिलती है, तथा परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
आठवां दिन: मां महागौरी
मां महागौरी को नारियल का भोग अर्पित करना शुभ होता है। इससे सांसारिक सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नवां दिन: मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री को हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगाना चाहिए। इससे भक्तों को सिद्धियों की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि के दौरान इन विशेष भोगों को अर्पित करने से देवी मां की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। सच्चे मन से की गई पूजा और श्रद्धा से मां दुर्गा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।