बेंगलुरु, 4 जून 2025: 18 साल के लंबे इंतजार के बाद मिली IPL ट्रॉफी ने बेंगलुरु को जश्न के रंग में रंग दिया था, लेकिन RCB की यह ऐतिहासिक जीत बुधवार को एक दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गई। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जश्न मनाने उमड़ी भीड़ अचानक बेकाबू हो गई, जिसके चलते भगदड़ मच गई और इस भयावह घटना में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
प्रशासन ने शुरुआत में अनुमान लगाया था कि तकरीबन 2 लाख लोग इस विजय जुलूस और समारोह में शामिल होंगे, लेकिन वास्तविकता इससे कहीं आगे निकल गई। अनुमान से तीन गुना अधिक करीब 6 लाख लोग स्टेडियम और उसके आसपास जमा हो गए, जिससे स्थिति बेहद खतरनाक हो गई।
सबसे चिंताजनक बात यह रही कि 32,000 दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम में करीब 1 लाख लोग किसी भी तरह भीतर घुस गए। इस अनियंत्रित भीड़ ने सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तरह पोल खोल दी और जश्न का माहौल कुछ ही पलों में मातम में बदल गया।


क्या हुआ था?
RCB ने 3 जून को पंजाब किंग्स को हराकर अपना पहला आईपीएल खिताब जीता था। इसके बाद 4 जून को बेंगलुरु में एक भव्य विजय जुलूस का आयोजन किया गया, जो विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जाना था। हजारों प्रशंसक अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर एकत्रित हो गए।
हालांकि, भीड़ इतनी अधिक थी कि पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। भीड़ के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। कई लोग जमीन पर गिर गए और उन्हें कुचल दिया गया।
भीड़ नियंत्रण में चूक: क्या थी बड़ी गलती?
इस आयोजन के दौरान सबसे बड़ी गलती यह रही कि भीड़ के अनुमान से कहीं अधिक लोग एकत्रित हो गए। आयोजकों को यह अनुमान था कि लगभग 2 लाख लोग आएंगे, लेकिन सोशल मीडिया और वायरल वीडियो के चलते लगभग 6 लाख की भीड़ उमड़ पड़ी और पुलिस उसे नियंत्रण नहीं कर पाई.


विराट कोहली और टीम की प्रतिक्रिया
RCB के कप्तान विराट कोहली और टीम के अन्य खिलाड़ियों ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। विराट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हम जीत की खुशी साझा करने आए थे, लेकिन जो हुआ उससे दिल टूट गया है। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।” टीम मैनेजमेंट ने भी कहा है कि भविष्य में कोई भी सार्वजनिक आयोजन तभी किया जाएगा जब सुरक्षा मानकों को पूरी तरह सुनिश्चित किया जाए।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस हादसे ने राज्य और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने पब्लिक सेफ्टी को नजरअंदाज कर दिया और सिर्फ इवेंट की पब्लिसिटी पर ध्यान दिया। कई सामाजिक संगठनों ने इस घटना को “मानव निर्मित त्रासदी” करार देते हुए मांग की है कि आयोजकों पर आपराधिक लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जाए। वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है और रिपोर्ट तलब की है।
प्रशंसकों की भावनाएं और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने अपनी नाराजगी और दुख व्यक्त किया। कई लोगों ने आयोजकों पर भीड़ प्रबंधन में लापरवाही का आरोप लगाया। कुछ ने कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर योजना और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
RCB की ऐतिहासिक जीत का जश्न, जो एक उत्सव होना चाहिए था, एक बड़ी मानवीय त्रासदी में बदल गया। यह घटना केवल भीड़ प्रबंधन की विफलता नहीं थी, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सुरक्षा को प्राथमिकता दिए बिना कोई भी आयोजन कितना खतरनाक हो सकता है। यह समय है कि सरकार, प्रशासन, आयोजक और जनता सभी मिलकर ऐसे आयोजनों के लिए एक ठोस सुरक्षा रणनीति बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति न हो।