देश के मुखिया पीएम मोदी आज 31 मार्च 24 को एमपी की चुनाव को लेकर मेरठ में शंखनाद रैली के साथ अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की है, वही आपको याद हो की पहली बार 2014 में भी पीएम नरेंद्र मोदी इससे पहले साल 2014 और 2019 के चुनाव के प्रचार की शुरुआत भी यहीं से हुई थी और जीत के बाद देश की बागडोर को संभाला और यह तीसरा मौका है कि प्रधानमंत्री बनने के लिए फिर से एक बार प्रधानमंत्री ने अपने प्रचार प्रसार मेरठ से की है,
आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार की तस्वीर कुछ अलग देखने को मिला है, साल 2019 में सपा, बसपा और रालोदा एक साथ मैदान में उतरी थी, जबकि इस बार सपा पार्टी कांग्रेस के साथ अपनी किस्मत आजमा रही है, वहीं रालोदा इस चुनाव में NDA का हिस्सा है और BSP अकेले मैदान में उतर रही है , बीजेपी ने इस सीट पर मशहूर धारावाहिक रामायण में श्रीराम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को उतारा है,अरुण गोविल 66 की उम्र में अपनी राजनीतिक पारी का आगाज कर रहे हैं, वहीं बीजेपी उनके सहारे जाटलैंड जीतने की कोशिश में हैं,
वहीं सपा ने इस सीट पर एडवोकेट भानु प्रताप सिंह को कैंडिडेट बनाया है, जबकि बसपा से देवव्रत त्यागी मैदान में उतार रहे है, हालांकि, खबरें ये भी आ रही हैं कि अरुण गोविल के मैदान में आने के बाद से सपा मेरठ लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी को बदल सकती है ।
इससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जाट बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 26 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि सपा और बसपा के गठबंधन को 7 सीटें मिली थीं.
साल 2019 में मेरठ सीट से बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल मैदान में उतरे थे. उन्हें 5,86,184 वोट मिले थे. वहीं दूसरी तरफ बसपा से हाजी याक़ूब क़ुरैशी मैदान में उतरे थे और उन्हें 5,81,455 वोट मिला था. इसके साथ वह दूसरे स्थान पर रहे. जबकि कांग्रेस के हरेंद्र अग्रवाल को केवल 34,479 वोटों मिला था,
साल 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो उस वक्त यूपी में बीजेपी की आंधी चली थी और इसकी शुरुआत मेरठ से ही हुई थी. मेरठ सीट से बीजेपी को लगभग 48 फीसदी वोट मिला था. उस चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने बॉलीवुड अभिनेत्री नगमा को चुनाव मैदान में उतारा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था,
15वीं लोकसभा चुनाव यानी साल 2009 में मेरठ से बीजेपी ने राजेंद्र अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा था. उस वक्त राजेंद्र ने बसपा के उम्मीदवार मलूक नागर को 47146 वोटों से हराया था. इसके बाद साल 2014 और 2019 के चुनाव में भी राजेंद्र अग्रवाल ने इस सीट से जीत की हैट्रिक लगाई. कुल मिलाकर देखा जाए तो साल 1991 से लेकर अब तक 8 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिसमें 6 बार भारतीय जनता पार्टी को मेरठ से जीत मिली है।
लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि इस बार पीएम नरेंद्र मोदी के रैली कितनी रंग लाती है और बीजेपी की खाते में कितनी प्रतिशत वोट आता है क्यों कि सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए अपना दमखम लगा रही है और सभी ने अपना अपना कंडिडेट मैदान में उतारा है











